विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल गुर्जर, बन्जारा, गाड़िया लौहार, रैबारी एवं गडरिया जातियों के लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने वर्ष 2008 में 100 करोड़ रू. के पैकेज से देवनारायण योजना लागू की गयी। इस योजना के तहत विषेष पिछड़ा वर्ग हेतु पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति, छात्रा स्कूटी वितरण, अनुप्रति योजना, गुरूकुल योजना, आदर्श छात्रावास योजना, आवासीय विद्यालय एवं महाविद्यालय स्थापित करने, आई.टी.आई., उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालन आदि का कार्य विस्तृत रूप से किया गया।
देवनारायण योजनान्तर्गत वर्ष 2008-09 से नवम्बर 2016 तक कुल 636.26 करोड रूपये का व्यय हुआ है। वर्ष 2016-17 के लिये 116.32 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान रखा गया है, जिसके विरूद्ध माह नवम्बर 2016 तक 67.52 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
मुख्यमंत्री महोदया की बजट घोषणा संख्या-66 वर्ष 2014-15 में अगले 5 वर्षों के लिए देवनारायण योजना के लिए Infrastructure gaps के विकास के लिए 500 करोड रूपये के पैकेज की घोषणा की गई है जिसके अन्तर्गत 104.41 करोड़ रूपये के 7 आवासीय विद्यालय एवं 6 आदर्श छात्रावास स्वीकृत किये गये हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में:-
- विशेष पिछडा वर्ग पूर्व मैट्रिक छात्रवृति योजना:- (क्रियान्वित करने वाला विभाग- स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभाग) विशेष पिछडा वर्ग के कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को दी जा रही प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना की तर्ज पर प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना का लाभ दिया जा रहा है जिसमें नवम्बर 2016 तक 561348 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है जिस पर 33.87 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
- देवनारायण गुरूकुल योजना:- क्रियान्वित करने वाला विभाग- स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभा विशेष पिछडा वर्ग हेतु देवनारायण गुरूकुल योजना वित्तीय वर्ष 2011-12 से लागू की गई है। विशेष पिछडा वर्ग के कक्षा 6 से 12 तक अध्ययनरत छात्र/छात्रा जो राजस्थान के मूल निवासी हो, जिन्होने पूर्व परीक्षा में 50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त किये हो तथा जिनके माता-पिता आयकर दाता नहीं हो, को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा अधिसूचित प्रतिष्ठित विद्यालयों में प्रवेश दिलवाकर शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग हेतु देवनारायण गुरूकुल योजना लागू की गयी है। गुरूकुल योजनान्तर्गत प्रतिवर्ष 500 विद्यार्थियों को प्रवेश देने का प्रावधान है। नवम्बर 2016 तक 6960 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है जिस पर 35.18 करोड रूपये का व्यय व्यय हो चुका है।
- देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना:- (क्रियान्वित करने वाला विभाग- उच्च शिक्षा विभाग) बालका शिक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु यह योजना वर्ष 2011-12 में आरम्भ की गई। बोर्ड की सीनीयर सैकेण्डरी परीक्षा में 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाली एवं राजकीय महाविद्यालय में नियमित अध्ययन हेतु प्रवेश लेने वाली इस प्रकार बनी वरीयता सूची में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली विशेष पिछडा वर्ग की प्रथम 1000 छात्राओं को जिनके माता- पिता/अभिभावक की वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये से कम हो को स्नातक प्रथम वर्ष में स्कूटी दी जाती है। नवम्बर 2016 तक 4819 छात्राओं को लाभान्वित किया जा चुका है जिस पर 20.16 करोड रूपये का व्यय हुआ । प्रोत्साहन राशि योजनान्तर्गत 1552 छात्राओं को लाभान्वित किया गया है 1.61 करोड़ रूपये का व्यय हो चुका है।
- विशेष पिछडा वर्ग उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना:- (क्रियान्वित करने वाला विभाग- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षिक उत्थान हेतु संचालित उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना के अनुरूप वर्ष 2010-11 में राज्य में विशेष पिछड़ा वर्ग के कक्षा 11 से पीएचडी स्तर के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन हेतु उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना प्रारम्भ की गई। प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना की तर्ज पर उत्तर-मैट्रिक छात्रवृति योजना का लाभ दिया जा रहा है जिसमें नवम्बर 2016 तक 287904 विद्यार्थीयों को लाभान्वित किया जा चुका है जिस पर 249.74 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
- छात्रावास सुविधा:- वर्ष 2008-09 में 12 छात्रावास स्वीकृत किये गये थे जो सभी र्निमित भवनों में संचालित हैं। वर्ष 2011-12 में विशेष पिछडे वर्ग के कल्याण हेतु घोषित 200 करोड रूपये के विशेष पैकेज के अन्तर्गत 41 छात्रावास, 9 आवासीय विद्यालय एवं 2 महाविद्यालय का निर्माण कराने हेतु कुल 148 करोड रूपये स्वीकृत किये गये। 40 छात्रावास भवनो का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जिनका संचालन आरम्भ हो चुका है। इन पर 73.88 करोड रूपये रूपये का व्यय हो चुका है।
- नौ आवासीय विद्यालय:- 6 आवासीय विद्यालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जिनमें से 3 का संचालन आरम्भ किया जा चुका है, 3 का संचालन करवाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष 3 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन पर 81.15 करोड रूपये का व्यय हो चुका है
7.छात्राओं हेतु कॉलेज मय हॉस्टल, बयाना:- बयाना जिला भरतपुर में छात्राओं हेतु कॉलेज मय हॉस्टल स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में कॉलेज राजकीय विद्यालय के भवन में कालेज शिक्षा विभाग द्वारा संचालित है। निर्माण कार्य प्रगति पर है। अब तक 5.30 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
8.छात्रों हेतु कॉलेज, नादौती:-नादौती जिला करौली में कॉलेज स्वीकृत किया गया है। भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। अब तक 7.13 करोड रूपये का व्यय हो चुका है। वर्तमान में कॉलेज आई टी आई के भवन में संचालित है। निर्माण कार्य प्रगति पर है
9.आई.टी.आई निर्माण एवं संचालन:- 6 आई.टी.आई क्रमशः बानसूर, सैपऊ, सपोटरा, नादौती, झालरापाटन, खण्डार, मे संचालित किये जा रहे है। इनके भवन र्निमाण एवं सचांलन पर 22.32 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
चिकित्सा के क्षेत्र में-
1.207 उप स्वास्थ्य केन्द्रो का संचालन किया जा रहा है। अब तक 37.25 करोड रूपये का व्यय हो चुका है। डांग एवं विशेष पिछडा वर्ग के बाहुल्य क्षेत्रों की 10 तहसीलों यथा करौली, सपोटरा, हिण्डौन, खण्डार, मनोहरथाना, राजाखेडा, बाडी, बसेडी, रूपवास, बयाना में मेडिकल मोबाईल यूनिट स्वीकृत किये गये है। 4.65 करोड रूपये का व्यय हो चुका है।
ग्रामीण गौरव पथ एवं सड़क विकास
विशेष पिछड़ा वर्ग बाहुल्य जिलों में ग्रामीण गौरव पथ निर्माण पर 172.86 करोड़ रुपये, मिसिंग लिंक सड़कों पर 68.54 करोड़ रुपये तथा नेशनल हाइवे/स्टेट हाइवे विकास पर 265.83 करोड़ रुपये (कुल 507.23 करोड़ रुपये) राज्य सरकार द्वारा व्यय किये गये हैं।