प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही ब्यूरोक्रेट्स के भी ट्रांसफर का सिलसिला चला और 8 दिन में तीन बार तबादला सूची जारी कर दी गयी। लेकिन अब राजस्थान में फरवरी माह तक अफसरों के तबादले नहीं हो सकेंगे। राज्य में आज बुधवार 26 दिसम्बर से जिला कलेक्टर्स और आरएएस अफसरों के ट्रांसफर पर बैन लग गया है। राज्य प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कार्मिक भी तबादलों पर रोक के दायरे में शामिल है। बता दें, राजस्थान में मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्यक्रम 26 दिसम्बर से शुरू हो चुका है। यह कार्यक्रम 22 फरवरी तक चलेगा। इसलिए फरवरी माह के अंत तक राज्य में अधिकारियों के तबादले नहीं हो सकेंगे।
मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 22 फरवरी तक चलेगा
राजस्थान के प्रशासनिक सुधार विभाग ने तबादले-पदस्थापन पर बैन लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। बैन लगने के बाद राज्य सरकार को तबादला करने से पूर्व भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। निवार्चन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों का संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 26 दिसम्बर से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेगा। इस अवधि में मतदाता सूचियों के संक्षिप्त कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार समेत संबंधित अधिकारियों के इस दायरे में शामिल है।
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बूथ अधिकारी और सिविल विभागों के तबादलों पर भी 22 फरवरी तक बैन
भारत निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान बूथ पर नियुक्त किए गए बूथ लेवल अधिकारियों और विभिन्न स्तर पर कार्यरत सिविल विभागों के ट्रांसफर पर भी 22 फरवरी तक रोक लगा दी गयी है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम अवधि में अत्यावश्यक मामलों में चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति से ही अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले और पदस्थापन के प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जा सकेंगे।