जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बस्ते का बोझ कम करने के लिए पहल की है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को बस्ते के बोझ से निजात दिलाने के लिए शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को जयपुर में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। डोटासरा ने जयपुर के नजदीक वाटिका में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डोटासरा ने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां बस्ते के बोझ को कम करने के लिए नवाचार अपनाते हुए यह ऐतिहासिक पहल की गई है। उन्होंने कक्षा एक से पांच के बच्चों को बस्ते के बोझ को कम कर तैयार नवीन पुस्तकें भी वितरित की।
दो तिहाई कम किया वजन
शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों का दो तिहाई वजन कम किया गया है। अब बच्चों को वर्तमान पुस्तकों के एक तिहाई भार के रूप में अलग अलग पुस्तकों के स्थान पर एक ही पुस्तक स्कूल लेकर जानी होगी। उन्होंने बताया कि कक्षा एक के विद्यार्थियों की पुरानी किताबों का वजन 900 ग्राम था जो अब 400 ग्राम किया गया है। कक्षा दो में 950 ग्राम को 300 ग्राम, कक्षा तीन में एक किलो 350 ग्राम के स्थान पर 500 ग्राम, कक्षा चार में एक किलो 450 ग्राम के स्थान पर 500 ग्राम तथा कक्षा पांच में पुरानी किताबों के वजन एक किलो 250 ग्राम को घटाकर मात्र 500 ग्राम करने की पहल की गई है। कक्षा एक से पांच तक की किताबों के वजन को 5 किलो 900 ग्राम वजन को घटाकर 2 किलो 200 ग्राम तक कर दिया गया है।
परिणाम सफल रहे तो प्रदेशभर में होगा लागू
बोझ कम करने के इस निर्णय की सतत समीक्षा की जाएगी। परिणाम सफल रहने पर आने वाले समय में इसे कक्षा एक से बारह तक प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। निजी विद्यालयों का भी आह्वान किया कि वे भी इस तरह की शुरुआत करें ताकि बच्चों को कम पुस्तक बोझ लेकर स्कूल जाना पड़े। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रयासों के कारण 3.50 लाख बालिकाओं का नामांकन बढ़ा है।