राजस्थान की सत्ता की बागड़ोर संभालते ही कांग्रेस सरकार विकास पर नहीं बल्कि राजनीति पर फोकस कर रही है। यही वजह है कि पहले सरकारी अधिकारियों के तबादलों पर ध्यान लगाए रखा और अब पहले से चल रही सरकारी योजनाओं के नाम बदलने को पहली प्राथमिकता पर ला धरा है। यही वजह है कि अब सरकारी योजनाओं और केन्द्रों के नाम बदलने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। इसकी शुरूआत अटल सेवा केन्द्र के नाम परिवर्तन से हुई है। ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग ने एक आदेश जारी कर ‘अटल सेवा केंद्र’ का नाम बदलकर ‘भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र’ कर दिया है।
गहलोत सरकार ने इससे पहले सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटा दिया था। इसके बाद वरिष्ठ तीर्थ नागरिक योजना से भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटा दिया गया था।
ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोर्ट के आदेशों की पालना के तहत जिला मुख्यालयों पर जन सुविधा केंद्र, पंचायत समिति मुख्यालयों और ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ‘अटल सेवा केंद्र’ का नाम फिर से ‘भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र’ किया जाता है।
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