जयपुर। प्रदेश के उदयपुर जिले के वल्लभनगर सीट से कांग्रेस विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत के निधन से अब तीन की जगह चार सीटों पर उपचुनाव होंगे। दरअसल, तीन सीटों भीलवाड़ा के सहाड़ा, चुरू के सुजानगढ़ और राजसमन्द में विधायकों के निधन के बाद उपचुनाव होना प्रस्तावित है। ऐसे में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा से ऐन पहले वल्लभनगर विधायक के निधन से अब चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश में एक बार फिर चुनावी समर की तैयारी हो रही है। कांग्रेस और बीजेपी के साथ अधिकांश नेताओं ने शक्तावत के निधन पर संवेदना जताई, लेकिन साथ ही चुनाव की नियमित प्रक्रिया के लिए भी ये नेता अपनी पार्टी को तैयार बता रहे हैंं।
गहलोत के लिए बेहद चुनौती भरा माहौल
प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में इन सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर रहेगी। पूनिया से भी ज्यादा सीएम गहलोत की साख दांव पर होगी, क्योंकि इनमें से तीन सीटें कांग्रेस के खाते में थीं। उन सीटों पर जीत हासिल करना मौजूदा राजनीतिक माहौल में गहलोत के लिये बेहद चुनौती भरा हो सकता है।
डोटासरा और पूनिया की क्षमताओं पर सवाल
इन सीटों पर अगर फिर से कांग्रेस काबिज नहीं हो पाई तो गहलोत सरकार के कामकाज और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की क्षमताओं पर सवाल उठने शुरू हो सकते हैं। वहीं, पार्टी में फिलहाल थोड़ा शांत हुआ गुटबाजी का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ सकता है। दूसरी तरफ, अगर बीजेपी अपनी मूल सीट राजसमंद के अलावा अन्य सीटों पर कब्जा नहीं जमा पाई तो उसकी भूमिका और पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल खड़े होंगे।
कांग्रेस के पास अब 104 विधायक
प्रदेश की 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा की स्थिति देखें तो अब कांग्रेस के पास कुल 107 में से 104 सदस्य रह गये हैं। बीजेपी के पास 71 सीटें हैं। इनके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2-2 विधायक हैं। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 सदस्य विधानसभा में है। एक सदस्य राष्ट्रीय लोक दल का है। इनके अलावा निर्दलीय 13 विधायक हैं।
चार महीने में 4 विधायकों का निधन
राजस्थान विधानसभा के इतिहास में संभवत यह पहला मौका है जब महज 4 महीने में 4 विधायकों का बीमारी के कारण निधन हो गया है। इनमें तीन विधायक कांग्रेस के तो एक बीजेपी के हैं। विधायकों के निधन से खाली हुई भीलवाड़ा की सहाड़ा, चूरू की सुजानगढ़ और उदयपुर की वल्लभनगर सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। राजसंमद सीट पर बीजेपी काबिज थी। इन चारों सीटों पर आगामी महीनों में उपचुनाव होंगे।