इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में 10वां दिन भारत के लिए शानदार रहा। भारत ने मंगलवार को 9 पदक झटके। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 50 हो चुकी है। भारत अब तक 9 गोल्ड, 19 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल के साथ पदक तालिका में 8वें स्थान पर पहुंच गया है। 10वें दिन मनजीत सिंह ने देश को 9वां स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने 1:46:15 मिनट में 800 मीटर की रेस पूरी की। इस इवेंट का रजत पदक भी भारत के खाते में आया। भारत के जिनसन जॉनसन ने 1:46:35 मिनट का समय निकालकर यह कारनाम किया। मनजीत आखिरी 200 मीटर में 5वें स्थान पर चल रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और जॉनसन तथा अबु को पछाड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मंजीत सिंह का यह एशियन गेम्स में पहला स्वर्ण पदक है। जॉनसन ने भी अपना पहला एशियाई खेल पदक जीता है।
देश ने 67 साल बाद एकसाथ जीता स्वर्ण और रजत
भारत ने पुरुषों की 800 मीटर रेस में 67 साल बाद एकसाथ स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए हैं। इससे पहले 1951 में रंजीत सिंह ने स्वर्ण और कुलवंत सिंह ने रजत पदक जीता था। भारत ने 32 साल बाद एशियन गेम्स में पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। 1982 में चार्ल्स बोरोमियो ने स्वर्ण जीता था। 28 वर्षीय मनजीत सिंह के स्वर्ण पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी। एशियन गेम्स में पहली बार शामिल किए गए कुराश में भारत की पिंकी बल्हारा ने महिलाओं के 52 किग्रा वर्ग में रजत पदक हासिल किया। इसी वर्ग में भारत की मालाप्रभा यल्लप्पा जाधव सेमीफाइनल में हार गईं, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा भारतीय टीम ने 4×400 मिक्स्ड रिले में रजत पदक जीता। इस टीम में मोहम्मद अनस, पुवम्मा राजू माचित्रा, हिमा दास और राजीव अरोकिया शामिल थे। इन्होंने 3:15:71 मिनट का समय निकालकर रजत पदक देश के नाम किया। इससे पहले भारत ने महिला और पुरुष तीरंदाजी की कम्पाउंड स्पर्धा में 2 रजत पदक झटके। एशियाड में महिला टीम ने पहली बार रजत पदक जीता है।
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कम्पाउंड इवेंट में गोल्ड से चूके राजस्थान के रजत
मंगलवार को हुए पुरुष तीरंदाजी कम्पाउंड इवेंट में भारत का भाग्य ने साथ नहीं दिया। जिसके कारण उसे रजत से संतोष होना पड़ा। इस टीम में प्रदेश के रजत चौहान भी शामिल थे। पुरुष तीरंदाजी कम्पाउंड इवेंट के फाइनल का फैसला शूटआउट में हुआ। पुरुष कम्पाउंड टीम के फाइनल में 4 सेट के बाद भारत और कोरिया का स्कोर 229-229 था। इसके बाद शूटऑफ में पहले निशाने में कोरिया ने 10 और भारत ने 9 अंक हासिल किए। दूसरे में भारत ने 10 जबकि कोरिया को 9 अंक मिले। तीसरे निशाने में भारत और दक्षिण कोरिया दोनों ने 10-10 अंक लिए। इस तरह शूटऑफ में भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहा, लेकिन दक्षिण कोरिया के तीर सेंटर सर्कल में ज्यादा निकले। इस वजह से भारत को रजत से संतोष करना पड़ा। रजत जीतने के बाद राजस्थान के रजत चौहान ने कहा कि इस बार हमारा लक साथ नहीं था, इसलिए हम गोल्ड जीतने में सफल नहीं हो सके। बता दें, रजत ने 2008 में एसएमएस स्टेडियम में तीरंदाजी सिखना शुरू किया। एक समय ऐसा भी आया जब रजत की मां ने जेवर गिरवी रखवाकर उसे धनुष दिलवाया था। आज रजत देश और प्रदेश का दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री राजे ने दी चौहान को बधाई
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एशियाई खेलों में तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने पर प्रदेश के तीरंदाज रजत चौहान को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। राजे ने कहा कि चौहान की इस उपलब्धि से देश और प्रदेश का नाम रोशन हुआ है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।