जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में घुड़सवार जंपिंग टीम इवेंट में भारतीय टीम ने सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया। टीम में बाड़मेर (राजस्थान) का जितेन्द्र सिंह भी शामिल है। जितेन्द्र के अलावा 4 सदस्यीय टीम में फवाद, राकेश कुमार और आशीष मलिक भी हैं। टीम ने संयुक्त रूप से 121.30 सेकेंड का समय निकाल रजत पदक अपने नाम किया है। टीम इवेंट में 12 साल बाद कोई मेडल देश की झोली में आया है। इससे पहले 2006 में दोहा में ब्रॉन्ज मिला था। इंडिविजुअल केटेगिरी में फवाद मिर्जा ने सिल्वर जीता है। बता दें, 36 साल बाद इस केटेगिरी में किसी भारतीय को कोई मेडल मिला है। 18वें एशियाई खेलों में अब तक भारत के कुल पदकों की संख्या 31 है। 7 गोल्ड, 7 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज मेडल के साथ वह पदक तालिका में 9वें स्थान पर है।
Our excellent Equestrian team has won us a SILVER in the Equestrian Eventing Team at the #AsianGames2018!
Brilliant performance by team members Mirza, Rakesh, Ashish and Jitender. Well done! #KheloIndia #IndiaAtAsianGames @asiangames2018
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) August 26, 2018
सेना की राइडिंग विंग में कार्यरत हैं जितेन्द्र सिंह
जितेन्द्र सिंह (26) बाड़मेर जिले के मगरा गांव का निवासी है। जितेन्द्र के पिता पहाड़ सिहं किसान हैं और पढ़े-लिखे नहीं है। जितेन्द्र की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में हुई है। घुड़सवारी के प्रति जितेन्द्र सिंह का रूझान अपने मामा गुलाबसिंह के कारण बढ़ा जो मेरठ में एक फौजी अधिकारी थे। 8वीं पास करने के बाद जितेन्द्र का एडमिशन मेरण के आर्मी स्कूल में हुआ जहां उन्होंने घुड़सवारी सीखी और सेना की राइडिंग विंग में भर्ती हो गए। राज्यस्तर पर उम्दा प्रदर्शन के बाद उनका राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन हुआ। लगातार बेहतर प्रदर्शन कर एडियाड खेलों की घुड़सवारी टीम में जगह बनाई और बिना निराश किए सिल्वर मेडल लेकर वहां से आए। जितेन्द्र ने इससे पहले मई, 2018 में फ्रांस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में भी देश को कांस्य पदक दिलाया था।
एक दिन पहले मिला एक्रिडिटेशन कार्ड
बता दें, पूर्व में घुड़सवारी संघ के अध्यक्ष ने टीम को गेम्स में भेजने से इंकार कर दिया था। बाद में केन्द्रीय खेल मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद टीम को गेम्स में भेजने का फैसला किया गया। जकार्ता रवाना होने के एक दिन पहले खिलाड़ियों को एक्रिडिटेशन कार्ड़ दिए गए थे।
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