राजधानी जयपुर में आज प्रदेश के नए मुखिया अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शपथ ली। जयपुर के हृदय स्थल अल्बर्ट हॉल पर नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। ये शपथ ग्रहण समारोह इसलिए भी खास रहा कि इससे पहले नई सरकारों के शपथ ग्रहण राजभवन में होते रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार राज्य में अल्बर्ट हॉल पर प्रदेश के नए मुखिया का शपथ ग्रहण हुआ है। समारोह में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी शिरकत की। 2013 में भाजपा की वसुंधरा राजे ने जनपथ पर शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत की थी।
गहलोत सरकार का भी शपथ ग्रहण समारोह पहले जनपथ पर ही होना तय हुआ था। लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट की ओर से जनपथ स्थित अम्बेडकर सर्किल के आसपास आयोजनों पर लगाई गई रोक को देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सशर्त शपथ की अनुमति दी थी। जिसके बाद शपथ ग्रहण समारोह की जगह परिवर्तित कर अल्बर्ट हॉल पर रखी गई।
कांग्रेस सशर्त जनपथ पर समारोह के लिए इसलिए भी राजी नहीं हुई कि वह शपथ समारोह के माध्यम से आगामी लोकसभा के लिए महागठबंधन का मैसेज भाजपा को देना चाहती है। इसलिए शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं सहित अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी के शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी, एमके स्टालिन, शरद यादव और तेजस्वी यादव शामिल हुए।
बहरहाल, अन्य दलों के नेता सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने मिलकर समारोह को भले ही भव्य बना दिया हो लेकिन, कांग्रेस की गहलोत-पायलट जोड़ी को प्रदेश में कर्जमाफी सहित तमाम बड़े वादे, जो जनता से उन्होंने किए हैं। उसे पूरा करना बड़ी चुनौती है। दिन कम है उम्मीद ज्यादा है। जाहिर है वादा बड़ा था तो उम्मीद तो ज्यादा होनी ही थी।
Source: Prakash Jaiswal
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