लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद गहलोत सरकार और प्रदेश संगठन के बीच की कलह बढ़ते हुए चैम्बर वॉर तक पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पीसीसी मुख्यालय में नेताओं के कक्ष में परिवर्तन का आदेश दिया है जिसके बाद एक बार फिर गहलोत-पायलट समर्थकों के बीच ठन गई है। दरअसल सीएम गहलोत के नजदीकी व कांग्रेस उपाध्यक्ष मुमताज मसीह को पीसीसी में आवंटित चैम्बर खाली करवाया गया है। मसीह की जगह अब ये कमरा पायलट के नजदीकी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा को आवंटित किया गया है।

गौरतलब है कि इस कमरे में कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की नाम पट्टिका लगी थी जो बीते खई सालों से यही बैठते हुए नजर आए हैं। लेकिन गहलोत-पायलट के बीच जारी खींचतान अब संगठन तक पहुंच रही है। मुमताज मसीह के नाम की पट्टिका भी उनके कमरे से हटा दी गई है, अब वे उपाध्यक्षों के लिए के लिए बने कॉमन रूम में बैठेंगे। मसीह ने इस खींचतान पर अपना बयान दिया है कि मैं कही भी बैठूं, अपना काम करता रहूंगा। कमरे में बैठने की व्यवस्था में परिवर्तन करना एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें राजनीति की कोई बात नहीं है।

वहीं गोपाल सिंह ईडवा ने कहा कि वरिष्ठ उपाध्यक्षों के लिए कमरे में बैठने की आवश्यकता थी, इसलिए ही उन्हें ये कक्ष आवंटित किया गया है। गौरतलब है कि सीएम गहलोत लोकसभा में करारी हार के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं और वहीं पायलट समर्थन कई नेता गहलोत को इसका जिम्मेदार बताते हुए इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। गहलोत-पायलट दोनों ही खेमों में जारी कलह को कम करने के लिए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय शांति बनाए रखने की ए़डवायजरी भी जारी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका असर नहीं दिख रहा है।