चुनाव के दौरान वोटिंग के दौरान फोटो पहचान पत्र अनिवार्य होता है। इसी संबंध में भारत निर्वाचन आयोजन ने 29 जनवरी को प्रदेश की दो लोकसभा व एक विधानसभा सीट पर होने वाले राजस्थान उपचुनाव में मतदान के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र के साथ 11 अन्य वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों को भी मान्यता दी है। प्रदेश में 29 जनवरी को अजमेर, अलवर में लोकसभा और भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।
इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया कि मतदान के लिए मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाता को मतदान से पहले अपनी पहचान स्थापित करने के लिए सामान्यतः निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाने की बाध्यता होती है। यदि मतदाता किसी कारणवश यह पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है या फिर मतदाता सूची, फोटो पहचान पत्र, फोटो मतदाता पर्ची में मतदाता की फोटो मेल नहीं करती है तो उसे वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज के रुप में मान्य 11 दस्तावेजों में से किसी एक को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
यह हैं 12 फोटो पहचान पत्र —
- मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी)
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पहचान पत्र
- बैकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक
- आयकर पहचान पत्र (पेन कार्ड)
- आरजीआई एवं एन.पी.आर द्वारा जार किए गए स्मार्ट कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
- आधार कार्ड या
- निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटो मतदाता पर्ची
अश्विनी भगत ने बताया कि निर्वाचन विभाग द्वारा पंजीकृत मतदाताओं को घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण किया जा रहा है। इसके बावजूद यदि किसी मतदाता तक फोटोयुक्त पर्ची नहीं पहुंची हो तो वह जिला निवार्चन अधिकारी या निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारी से संपर्क कर प्राप्त कर सकता है। फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र में लेखनी तथा वर्तनी की अशुद्धि आदि को नजरअंदाज किया जाएगा बशर्ते कि मतदाता की पहचान ईपीआईसी से सुनिश्चित की जा सके।
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