डूंगरपुर में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने वाली राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, उदयपुर ने एक भ्रष्ट हेड कांस्टेबल को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कार्रवाई में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी डॉ. सोनू शेखावत के अनुसार, आशीष यादव और उसके चचेरे भाइयों के बीच उनकी पैतृक जमीन के बंटवारे के विवाद को निपटाने के लिए कांस्टेबल रमेश यादव ने शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। समझौते के बाद मामला चार हजार रुपये पर तय हुआ।
इधर, परिवादी ने एसीबी टीम उदयपुर को हेड कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वत मांगने की रिपोर्ट दी। रिपोर्ट मिलने पर एसीबी की टीम ने मामले का भौतिक सत्यापन किया और ट्रैपिंग को अंजाम देने की योजना बनायी। टीम एसीबी की योजना पर अमल करते हुए गरीबी से जूझ रहे परिवादी आशीष ने रविवार को आरोपी रमेश यादव को रामसागड़ा थाना परिसर में बने उसके क्वार्टर पर किसी से ब्याज पर लेकर एक हजार रुपए की पहली किश्त दी।
वहीं सोमवार को रिश्वत की बाकी रकम 3000 रुपए के लिए आरोपी ने बड़ी चालाकी और सावधानी से परिवादी को बीच रास्ते में ही तहसील चौराहे पर बुला लिया। जैसे ही आरोपी रिश्वत की रकम लेकर ऑटो रिक्शा में बैठा, टीम एसीबी ने आरोपी को पकड़ लिया और आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी को नजदीकी एवीवीएनएल कार्यालय ले गई। आवश्यक कार्रवाई करते हुए एक हजार और तीन हजार यानी कुल चार हजार रुपये की राशि बरामद की। साथ ही आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।