खान राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह ने विधानसभा में कुछ खास घोषणाएं करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। बजरी की कमी के लिए पिछली सरकार की नीति को उत्तरदायी बताते हुए उन्होंने घोषणा की कि अब बजरी के लिए छोटे आकार के खनन पट्टे जारी किए जाएंगे। साथ ही बजरी खनन में भारी मशीनरी का उपयोग प्रतिबन्धित किया जाएगा। अप्रधान खनिजों के अब तक 572 प्लॉट ई-नीलामी हेतु अधिसूचित किए गए हैं, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने जैसलमेर एवं जोधपुर में शहरी गैस वितरण नेटवर्क विकसित किए जाने और ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ के लिए संयुक्त टीम का गठन करने का भी एलान किया। सुरेन्द्र पाल सिंह सदन में मांग संख्या-43 खनिज पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने खनिज की 3 अरब, 54 करोड़ 63 लाख 87 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
यह हैं प्रमुख घोषणाओं की एक लिस्ट
- मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु कार्यकारी एजेन्सियों को भी एस.टी.पी. जारी करने के प्रावधान किए जाएंगे।
- बजरी खनन में भारी मशीनरी/एक्सकेवेटर/जे.सी.बी. का उपयोग प्रतिबन्धित किया जायेगा जिससे अधिकाधिक लोगो को रोेजगार के साथ साथ नदी के पर्यावरण का संरक्षण भी होगा।
- नदी की बजरी के नवीन विकल्प ढूंढे जायेंगे जिसमें मेन्यूफैक्चर्ड सैण्ड एवं विलुप्त हो चुकी नदी के पैलियो चैनल्स में बजरी विकल्प की तलाश की जायेगी और कॉपर स्लेग का उपयोग बजरी के रूप में करने के प्रयास किये जायेंगे। इसी प्रकार जयपुर, दौसा, भरतपुर आदि जिलो में प्राचीन फ्लड प्लेन्स में मिट्टी के नीचे उपलब्ध बजरी के प्लाट आवंटन हेतु कार्यवाही की जाएगी।
- खातेदारी भूमि में खान आवंटन हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र लिए जाने के प्रावधान किये जायेंगे। प्राप्त आवेदनों को एफआईएफओ आधार पर निश्चित समयावली में निस्तारित किये जाएंगे।
- विभागीय एमपेनल्ड तुलायंत्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे।
- श्रीगंगानगर में खान विभाग के कार्यालय हेतु नया भवन बनाया जाएगा।
- ईज ऑफ डुइंग बिजनेस हेतु उद्यमियों, खान धारको तथा खान विभाग के अधिकारियो की टीम का संयुक्त गठन किया जाएगा जो समय-समय पर ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के संबंध में राज्य सरकार को सुझाव देगी।
- राज्य में हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिले में लगभग 30 हजार वर्ग किमी. में पोटाश के भण्डार उपलब्ध हैं। राज्य सरकार के विशेष प्रयासो से भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा हनुमानगढ़ जिले के सतीपुरा क्षेत्र एवं भारत सरकार के उपक्रम एम.ई.सी.एल. द्वारा बीकानेर जिले के जैतपुरा क्षेत्र में छिद्रण का कार्य कराया जा रहा है। इन क्षेत्रों में पूर्वेक्षण कार्य पूरा होने पर नियमानुसार कम्पोजिट लाइसेंस हेतु नीलाम किया जाएगा।
- वर्तमान में खनन योजना (माइनिंग प्लान) का अनुमोदन खान विभाग के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया जाता है। भविष्य में पट्टाधारी द्वारा स्वयं के हस्ताक्षर से प्रस्तुत खनन योजना को स्वतः अनुमोदित मान लिया जावेगा। इससे पट्टाधारियों को सरकारी कार्यालयो के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- जैसलमेर एवं जोधपुर में शहरी गैस वितरण नेटवर्क विकसित किया जायेगा तथा बीकानेर के उद्योगों को केसकेड के माध्यम से सीएनजी की सप्लाई सुनिश्चित की जायेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा में बीकानेर में सिरेमिक हब विकसित करने तथा जैसलमेर की प्राकृतिक गैस भण्डारों के समुचित उपयोग हेतु उल्लेख किया है जिसकी क्रियान्विति संभव हो सकेगी।
- पेट्रोलियम मंत्रालय भारत सरकार एवं पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड के माध्यम से शहरी गैस वितरण नेटवर्क विकसित करने हेतु स्वीकृति प्राप्त कर अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर स्मार्ट सिटी को गैस उपलब्ध कराई जाएगी तथा पाली, ब्यावर, नसीराबाद, किशनगढ़ आदि को औद्योगिक गैस उपलब्ध कराई जाएगी।
- जयपुर-कोटा-झालावाड़-देवास-मुम्बई अन्तर्राज्यीय सीएनजी कोरिडोर विकसित करने के क्रम में कोटा के बाद अब बारां में भी सीएनजी स्टेशन की स्थापना की जाएगी, जिसमें कोटा झालावाड़ के साथ-साथ जयपुर-कोटा-इन्दौर-मुंबई तक वाहनों को सीएनजी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे राजमार्ग पर स्वच्छ ईधन की आपूर्ति सुनिश्चित कर पर्यावरण संरचना की जाएगी।
- भविष्य में डी.एम.एफ.टी. फण्ड के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति, अनुमोदन तथा मॉनिटरिंग ऑनलाइन की जाएगी।
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