प्रदेश में होकर निकलने वाले अमृतसर-जामनगर सिक्सलेन ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। राजस्थान की उत्तर से पश्चिमी सीमा से निकलने वाला यह नेशनल हाईवे ऐसा आर्थिक कॉरिडोर होगा, जो देश की तीन रिफाइनरी को सीधा जोड़ेगा। इसमें पंजाब की भटिंडा एवं गुजरात की जामनगर और राजस्थान के बाड़मेर में तैयार होने वाली रिफाइनरी शामिल है। हाल ही में एनएचएआई ने हरियाणा के चौटाला से बीकानेर जोन तक करीब 252 किलोमीटर लंबे हाईवे की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह 6 लेन हाइवे प्रोजेक्ट एनएचएआई मुख्यालय से मॉनिटर किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, आगामी दो साल में यह हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी एम के जैन के अनुसार इस आर्थिक कॉरिडोर का करीब 850 किलोमीटर क्षेत्र राजस्थान से होकर निकलेगा।
हाइवे का 65 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश में होकर गुजरेगा
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला 6 लेन ग्रीनफील्ड हाइवे फरीदकोट, भटिंडा, अबोहर, गंगानगर, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, पचपदरा, सांचौर, राधनपुर, जामनगर तक कुल 1316 किमी लंबा होगा। हरियाणा के चौटाला से बीकानेर जोन तक 252 किलोमीटर लंबे हाईवे की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। नौ पैकेज में बनने वाले इस 252 किमी हाईवे पर 4086 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस 6 लेन हाइवे का 65 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में होकर गुजरेगा। अगले पांच साल तक हाइवे के रखरखाव का काम निर्माण करने वाली कंपनी करेगी। एनएचएआई के अनुसार प्रदेश में बाड़मेर में वर्ष 2022 तक रिफाइनरी तैयार होने का अनुमान है। इससे पहले जामनगर-अमृतसर आर्थिक कॉरिडोर के तहत सिक्सलेन नेशनल हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा। क्योंकि, एनएचएआई ने दो साल में यह काम पूरा करने की शर्त टेंडर में तय की है। इस तरह आगामी दो साल में तीनों रिफाइनरी भटिंडा, पचपदरा एवं जामनगर एक ही नेशनल हाईवे से जुड़ जाएगी।
Read More: मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को दी नवरात्र स्थापना पर शुभकामनाएं
25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनेगा अमृतसर-जामनगर 6 लेन हाईवे
एनएचएआई का जामनगर से अमृतसर तक बनने जा रहे इस 1316 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे पर 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है। 6 लेन हाईवे का 858 किलोमीटर हिस्सा प्रदेश के गंगानगर, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और जालोर जिले से होकर गुजरेगा, जोकि कुल हाईवे का 65 फीसदी है। एनएचएआई के अनुसार, हाईवे निर्माण की कुल अनुमानित राशि में से 16 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि राजस्थान में ही खर्च होगी। इसका सबसे अधिक फायदा मारवाड़ को होने वाला है। क्योंकि यहां यातायात सुगमता बढ़ने से नए उद्योग लगेंगे। जिससे प्रदेश में रोजगार के बड़े अवसर भी उपलब्ध होंगे। माना जा रहा है कि इसके निर्माण के समय प्रदेश के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।