राजस्थान सरकार के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। केंद्र की अमृत योजना के तहत चयनित राजस्थान के एक लाख से ज्यादा आबादी वाले 29 शहरों के लिए केंद्र सरकार ने 2017 से 2020 तक के लिए 1232 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की हैं।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा प्रदेश में पीने के पानी और किसानों के लिए सिंचाई के पानी की भिन्न भिन्न व्यस्थाएं की हैं। मुख्यमंत्री राजे के प्रदेश में पानी बचाने को लेकर किए जा रहे नवीन प्रयासों को देशभर में प्रशंसा मिल रही हैं।
राज्य को अमृत योजना से जुड़े अन्य क्षेत्रों में सुधार कार्यों के लिए भी प्रशंसा मिली हैं। इस योजना में राजस्थान की अग्रणी भुमिका को सराहा गया हैं। अमृत एवं स्वच्छ योजना को एकीकृत कर किए जा रहे नये प्रयोगों से राजस्थान सरकार और प्रदेश ने नये आयामों को छुआ हैं। विशेषकर पेयजल आपूर्ति और सीवरेज कार्य के साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा शौचालयों के निर्माण की दिशा मे किए गये कार्यों को भी केंद्र ने सराहा हैं।
अमृत योजना के लिए 1232 करोड़ रुपये और मंजूर
स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव डॉं. मंजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार के पेयजल संबंधी क्षेत्रों में किए गये विकास कार्यों के आधार पर 1232 करोड़ रुपए की राशि 2017 से 2020 तक के लिए मंजूर की गई हैं। केन्द्रीय नगरीय विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई अपेक्स कमेटी की बैठक में भाग लेने के बाद यह जानकारी दी। बैठक में अमृत परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यो की समीक्षा तथा भावी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।
2017 से 2020 तक के लिए ये मिला राजस्थान को
अपेक्ष कमेटी की बैठक में राजस्थान को वर्ष 2017 से 2020 तक जलापूर्ति के लिए 411.31 करोड़ रुपए, सीवरेज कार्यों के लिए 766.50 करोड़ रुपए, ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार के लिए 18.33 करोड़ रुपए व ग्रीन स्पेस तैयार करने के लिए 36 कोरड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
इस तरह राजस्थान को 1232.14 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की हैं। इससे प्रदेश के 29 शहरों में विकास कार्यों को गति प्रदान की हैं। मंजित सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रवृतित अमृत योजना के तहत 2015 से 2020 तक राजस्थान के 29 शहरों में विकास कार्य किए जाने का एक प्रभावी मिशन हैं। इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए राजे सरकार लगातार प्रयास कर रही है।