राजस्थान में मरीजों की सुविधाओं को ग्रहण लगने वाला है। जी हां, मरीजों के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली एंबुलेंस कल से आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकेगी। जिससे प्रदेश के हजारों मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल का ऐलान किया है। कल माने 21फरवरी से एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल की घोषणा कर रखी है। राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन की प्रदेशभर में चक्काजाम करने की तैयारी है। अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में करीब 6000 एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर जा सकते हैं। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से 1500 से अधिक एंबुलेंस का संचालन प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के वीरेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि सरकार लंबे समय से हमारी मांगे नहीं मान रही है ऐसे में हमें चक्काजाम करने का यह कदम उठाना पड़ रहा है। हम भी नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी भी मरीज को कोई परेशानी हो लेकिन, ये सरकार धरने, प्रदर्शन और हड़ताल से सुनती है। जिसके चलते हमें ये कदम उठाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि कर्मचारी यूनियन एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेका प्रथा समाप्त कर सरकार में समायोजित करने करने के साथ-साथ समान काम-समान वेतन की मांग कर रहे हैं। साथ ही संविदाकर्मियों के लिए बनी मंत्रिमंडलीय समिति में शामिल करने, श्रम कानूनों के मुताबिक 8 घंटे ड्यूटी आवर्स तय करने और दुर्घटना में मौत के लिए 20 लाख रु. मुआवजा देने सहित कई अन्य मांगों पर अड़े हुए हैं। राजस्थान में 730 एम्बुलेंस 108 सेवा से जुड़ी है तो वहीं जननी सुरक्षा योजना 104 से 580 एम्बुलेंस जुड़ी हुई हैं। वहीं 200 बेस एंबुलेंस का संचालन हो रहा है।