जयपुर। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद हुए हादसे में राजस्थान के चार और लोगों की मौत हो गई है। ये चारों दोस्त थे और सभी नागौर जिले के रहने वाले है। रविवार रात को चारों की मौत की पुष्टि हुई है। इसमें मकराना शहर के सरकारी स्कूल के हेडमास्टर, कुचामन और डीडवाना क्षेत्र के लोग शामिल हैं। ये लोग 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए थे। जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने इसकी पुष्टि की है। अमरनाथ हादसे में अब तक राजस्थान के सात लोगों की मौत हो चुकी है। कोटा के कुछ लोग अभी लापता बताये जा रहे हैं।
आज उनके गांव भेजा जाएगा शव
चारों दोस्तों की मौत की पुष्टि रविवार रात को हुई है। चारों के शवों को सेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत ढूंढ कर निकाला गया है। चारों शव पोस्टमार्टम के बाद श्रीनगर के एयरपोर्ट पर रखे गए हैं। अब सोमवार को फ्लाइट से शव अजमेर जिले में स्थित किशनगढ़ एयरपोर्ट लाए जाएंगे। वहां से उन्हें उनके गांव भेजा जायेगा।
नागौर के रहने वाले थे चारों
अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनावलिया ने बताया कि अमरनाथ हादसे में नागौर जिले के चार लोगों की मौत हो गई है। अमरनाथ हादसे में नागौर जिले के मकराना तहसील के बरवाला निवासी विजय सिंह (41), डीडवाना के तोषिणा निवासी प्रहलादराम (36), थेबड़ी निवासी युजवेन्द्र सिंह और कुचामन सिटी के रूपपुरा निवासी वीर सिंह (48) की मौत हो गई है। अमरनाथ हादसे में जान गंवाने वाले विजय सिंह सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे। प्रहलादराम की कुचामन सिटी में चाय की दुकान है। वीर सिंह फाइनेंस का काम करता था। इसके साथ में वह पत्थर और सीमेंट का भी कारोबार करता था। यजुवेंद्र सिंह भी फाइनेंस का काम करता था।
श्रीगंगानगर जिले के तीन लोगों की भी मौत हो गई थी
उल्लेखनीय है कि अमरनाथ हादसे में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के तीन लोगों की भी मौत हो गई थी। ये तीनों रिश्तेदार थे। इनमें राजस्थान पुलिस में इंस्पेक्टर रह चुके सुशील खत्री और उनके समधी मोहनलाल वधवा तथा उनकी पत्नी सुनीता वधवा शामिल हैं। सुशील खत्री की बेटी मोहनलाल के बेटे के ब्याही है। सुशील खत्री के शव को श्रीगंगानगर लाकर रविवार को अंतिम संस्कार किया जा चुका है।