प्रदेश के अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के संदेह में अकबर उर्फ रकबर खान की मौत को लेकर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने मंगलवार को घटनास्थल का मौका मुआयना किया। इसके बाद गृहमंत्री कटारिया ने मामले में खुलासा करते हुए साफ कहा कि रकबर की मौत पुलिस कस्टडी में हुई थी। मीडिया से रूबरू हाेते हुए कटारिया ने माना कि घायल अकबर को पहले अस्पताल पहुंचाया जाना चाहिए था लेकिन पुलिस ऐसा नहीं कर पायी। जिससे अकबर को समय पर उपचार नहीं मिला और उसकी मौत हो गई। गृहमंत्री ने यहां इस पूरे प्रकरण की जांच रामगढ़ के एसीजीएम को सौंपने की भी घोषणा की। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस मामले में पहले ही साफतौर पर कह चुकी है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
शासन सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक में मामले पर किया मंथन
इससे पहले राजधानी जयपुर स्थित शासन सचिवालय में गृहमंत्री कटारिया ने एक उच्च स्तरीय बैठक में मामले पर गहन मंथन किया। इस बैठक में सीएस डीबी गुप्ता, डीजीपी ओपी गल्होत्रा और स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर एनआरके रेड्डी भी मौजूद थे। मामले की न्यायिक जांच की मांग रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने उठाई थी। कटारिया ने अलवर दौरे पर घटनास्थल का दौरा करने के बाद पुलिस हिरासत में अकबर खान की मौत होना बताया। गृहमंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर न्यायिक जांच की घोषणा की है।
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गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में गो-तस्करी के संदेह में हुई मॉब लिंचिंग की घटना पर स्थानीय भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मारे गए अकबर खान की मौत कार्यकर्ताओं की पिटाई से नहीं हुई बल्कि पुलिस कस्टडी में हुई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने स्पेशल डीजी ला एंड आर्डर एनआरके रेड्डी के नेतृत्व में उच्च अधिकारियों की एक टीम घटना स्थल का दौरा करने के लिए भेजी थी।