पार्षदों ने जिला परिषद में होने वाली बैठक का बहिष्कार किया। पार्षदों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन दिए जाने के बावजूद कोई मांग पूरी नहीं होने पर पार्षदों में विरोध है। इस कारण बुधवार को अलवर जिला परिषद की बोर्ड बैठक में पार्षद शामिल नहीं हुए। करीब 40 पार्षद जिला परिषद पहुंचे। लेकिन भाग नहीं लिया। बैठक में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली व कलेक्टर पुखराज सेन समेत कई अधिकारी पहुंचे। लेकिन पार्षदों के नहीं आने के कारण बैठक का बहिष्कार किया गया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली व कलेक्टर पहुंचे थे। कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि वह बैठक में आए और वह सरकार तक मांग पहुंचाएंगे। लेकिन, पार्षदों ने जवाब दिया कि उन्होंने पहले ज्ञापन दिया था। अभी तक मांगों को नहीं माना गया है। करीब 7 महीने से पार्षद पूरे राजस्थान में धरना दे रहे हैं। जिला पार्षद संघ के अध्यक्ष वेदप्रकाश खबरी ने कहा कि पार्षदों ने सर्वसम्मति से बैठक का बहिष्कार किया है। इस दौरान पार्षद संदीप यादव, दिनेश यादव, भीमराज, जयप्रकाश झाबर, मुकेश गोठवाल, मंजू देवी, खामोश देवी समेत कई सदस्य मौजूद रहे।
11 सूत्री मांग ये हैं-
– जिला पार्षदों का मासिक वेतन 30 हजार रुपए किया जाए। मीटिंग 5 हजार रुपए व पेंशन
लागू हो।
– एफएफसी, एसएफसी, बीआरजीएफ, एमएडीए एवं महानरेगा योजनाओं की राश जिला
परिषदों में आती है। जिनको समान रूप से पार्षदों की सहमति से विकास के लिए स्वीकृत
किया जाए।
– पार्षदों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए 50 लाख रुपए सालाना बजट मिले।
– विकास कार्यों के समायोजन में जिला परिषद सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित हो।
– जिले के अनुसार वाहन व्यवस्था जिला पूल की ओर से उपलब्ध हों।
– परिषद सदस्यों को टोल पर छूट मिले।