डिज़िटलाइज़ेशन में अग्रणी राजस्थान आज तकनीकी क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। राजस्थान सरकार के प्रयासों से अब अजमेर से उदयपुर के बीच विद्युत लाइन के जरिए रेलगाड़ी और मालगाड़ी दौड़ने जा रही है। गौतलब है कि, अजमेर रेल मंडल में यह पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा, जहां बिजली से ट्रेन दौड़ेगी। इस प्रोजेक्ट पर अब तक 30 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अजमेर से भीलवाड़ा के बीच 130 किमी विद्युतीकरण का कार्य करने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है। और 2019 के मार्च तक सरकार की इच्छाशक्ति और विकास नियति के बल पर अजमेर से उदयपुर के बीच 295 किमी की दूरी में बिजली से यह ट्रैन दौड़ेगी। जनहित के लिए प्रस्तावित इस सरकारी प्रोजेक्ट में 320 करोड की लागत का अनुमान है।
तेजी से हो रहा है, काम:
अजमेर रेल मंडल के अजमेर-उदयपुर के बीच रेल लाइन में विद्युतीकरण का कार्य मार्च 2016 में प्रारंभ हुआ था। अभी भीलवाड़ा तक फाउंडेशन बन चुका है। जबकि करीब 36 किमी तक विद्युतीकरण की लाइनें बिछा दी गई है। यह लाइन नसीराबाद से झड़वासा रेलवे स्टेशन के बीच खींची गई है। इस ट्रैक पर रेलगाड़ी और मालगाड़ी 25000 किलोवाट की लाइन से कनेक्ट होकर दौड़ेगी। इनकी रफ्तार 120 से 130 किमी की प्रति घंटे की होगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर अभी तक सरकार ने 30% काम पूरा कर लिया है। तथा 2018 में मार्च तक अजमेर से भीलवाड़ा के बीच 130 किमी दूरी का काम भी पूरा हो जायेगा। और मार्च 2019 में यह ट्रैन दौड़ने लगेगी। इस तरह बिजली की ट्रैन को दौड़ाने के लिए राजस्थान सरकार भी बिजली की रफ़्तार से काम कर रही है।
इस तरह दौड़ेगी बिजली से ट्रेन:
बिजली से चलने वाली इस ट्रैन के लिए बिजली की आपूर्ति अजमेर डिस्कॉम करेगा। डिस्कॉम के 132 जीएसएस से 25 केविएट की लाइन ली जाएगी। यह बिजली अजमेर उदयपुर के बीच बनने वाले 6 ट्रेक्शन सब स्टेशन पर आएगी। यहां से लाइनों में प्रवाहित होगी। यह लाइन ट्रैक के ऊपर से गुजर रही कॉपर की बिजली लाइन इंजन के ऊपर जुड़ी रहेगी। दोनों के संपर्क से गाड़ी चलेगी।
होंगे अनेकों फायदे:
- ट्रैन की रफ़्तार में बढ़ोतरी होगी। जिससे यात्रियों के समय की बचत होगी।
- अजमेर से उदयपुर तक के सफर में करीब 45 मिनट का फायदा होगा। अभी अजमेर से उदयपुर जाने में करीब साढ़े पांच घंटे लगते हैं। विद्युतीकरण लाइन से साढ़े चार से पौने पांच घंटे में अजमेर से उदयपुर पहुंचा जा सकेगा।
- विद्युतीकरण हो जाने से ट्रैन की रफ़्तार, डीज़ल ट्रैन की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगी।
- डीजल से होने वाला वायु प्रदूषण बिलकुल नहीं होगा।