एंकर: आगे आगे भागते भक्त और पीछे सोटे मारते लालया काल्ल्या, नजारा था अजमेर के नया बाजार में नृसिंह जयंती के उपलक्ष्य में लालया कालया के मेले का

मंदिर प्रबंधक साकेत बंसल ने बताया कि करीब 300 वर्ष प्राचीन परंपरा के अंर्तगत काल्या के रूप में हिरण्याक्ष और लाल्या के रूप में वराह भगवान श्रद्धालुओं पर सोटे बरसाते है, जिसे खाने के लिए सैकड़ो श्रद्धालु उमड़ते है और सोटे का प्रसाद पाकर अपने आपको खुशनसीब समझते है, मान्यता के अनुसार सोटे को प्रशाद माना जाता है जिसे पाने के लिए बड़ी संख्या में जनसमूह मौजूद होता है।

नृसिंह जयंती पर गुरुवार को नया बाजार में पारम्परिक लाल्या-काल्या का मेला भरा, इस दौरान लाल्या और काल्या की सवारी निकालकर भक्तों पर सोटे बरसाए, नृसिंह जयंती पर शहर में प्रतिवर्ष लाल्या-काल्या का मेला भरता है। इस बार गुरुवार को नृसिंह जयंती मनाई गई, इस दौरान कथा के बाद महाआरती हुई, नृसिंह जयंती पर भगवान का महोत्सव हुआ, काल्या के रूप में हिरण्याक्ष और लाल्या के रूप में वराह भगवान भक्तों पर सोटे का प्रसाद बरसाए।

इस दौरान नकटी भी साथ चली। लाल्या काल्या के सोटे खाने के लिए बड़ी संख्या में लोग नया बाजार पहुंचे और प्रसाद के रूप में मारे जाने वाले सोटो को उन्होंने ग्रहण किया, मान्यता है लाल्या काल्या के द्वारा बरसाए गए सोटो को खाने वाले लोग अपने आपको खुशनसीब समझते है।