जयपुर। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया का दो दशक पुराना लेटर वायरल होने के बाद अब पार्टी में हलचल तेज हो गई है। पूनिया के 3 पेज के 22 साल पुराने इस लेटर बम ने सियासी हलकों में तहलका मचा दिया है। इसके जरिये वसुंधरा राजे समर्थन ने पूनिया पर जोरदाल हमला बोल दिया है।
रोहिताश शर्मा के निशाने पर सतीश पूनिया
वसुंधरा राजे खेमे के नेता और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने इसकी शुरुआत कर दी है। रोहिताश शर्मा ने वायरल लेटर को आधार बनाकर सतीश पूनिया को निशाने पर लिया है। रोहिताश शर्मा को 24 जून को ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप में नोटिस देकर 15 दिन में जवाब देने को कहा था।
जो खुद अनुशासनहीनता की पराकाष्ठाएं पार कर चुका हो वह दूसरों को अनुशासन की क्या सलाह देगा
रोहिताश शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति खुद अनुशासनहीनता कर चुका हो, अनुशासनहीनता की पराकाष्ठाएं पार कर चुका हो, वह दूसरों को अनुशासन की क्या सलाह और सीख दे सकता है। बड़े खेद की बात है। उल्लेखनीय है कि रोहिताश शर्मा ने 24 जून को नोटिस मिलने के बाद इसे विनाशकाले विपरत बुद्धि बताते हुए वसुंधरा राजे का अनुयायी होने की बात कही थी।
टिकट नहीं मिलने से दिया था युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि चुनावों में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर 1999 में सतीश पूनिया के भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के तीन पेज के वायरल लेटर पर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। सतीश पूनिया ने युवा मार्चा प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते वक्त भैरासिंह शेखावत, हरीशंकर भाभड़ा और ललित किशोर चतुर्वेदी पर पीठ में छुरा घोंपकर टिकट काटने के आरोप लगाए थे। साथ ही राजेंद्र राठौड़ और रामसिंह कसवा को नाम लिए बिना भस्मासुर बताया था।