राजस्थान खेल एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष या अन्य किसी पद पर केवल खिलाड़ी ही पदाधिकारी बनेंगे। इसके लिए राज्य सरकार एक नया खेल नियम लेकर आ रही है। इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है और खेल विभाग ने बिल का ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के पास भेज दिया है। मुख्यमंत्री राजे की स्वीकृति के बाद यह बिल पास कर दिया जाएगा और आगे की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। नए खेल बिल के पास होते ही राजस्थान खेल एसोसिएशन और खेल संघों के उच्चधिकारी पदों पर बैठे अफसर एवं नेताओं को एसोसिएशन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
दो दर्जन से अधिक नेता-अधिकारी होंगे बाहर
न्यायाधीश एन.के. जैन समिति की सिफारिश के बाद राजस्थान सरकार की ओर से यह कदम उठाया जा रहा है। इस बिल के आने के बाद दो दर्जन से अधिक प्रभावशाली नेता और अफसर खेल संघों से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में हर खेल संघ और एसोसिएशन में केवल खिलाड़ियों का ही प्रतिनिधित्व रह जाएगा।
यह होगी पद पाने की योग्यता
- राजस्थान खेल एसोसिएशन या खेल संघ में केवल वहीं व्यक्ति पदाधिकारी हो सकता है जिसे खेल के बारे में जानकारी हो।
- वह व्यक्ति कम से कम स्कूल या जूनियर स्तर पर खेला हो।
- उक्त के पास खेल का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
नए खेल नियम में यह बिन्दू हैं खास
- नए बिल के तहत हर एसोसिएशन या संघ का चुनाव 3 साल में एक बार किया जाएगा।
- राजस्थान खेल एसोसिएशन और सभी संघों का नियमित चुनाव कराने के लिए खेल चुनाव प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
- राज्य का किसी भी खेल में लगातार 5 साल तक प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी को वोट देने का अधिकार होगा।
- जिला स्तर पर प्राइमरी क्लब बनाने के लिए खेल काउंसिल में पंजीकरण कराना अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है।
- विभिन्न खेल एसोसिएशन का पंजीकरण विभाग के स्तर पर किया जाएगा।
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