जयपुर। अवैध खनन के विरोध में भरतपुर के एक साधू द्वारा आत्मादाह की घटना से सियासत गरमा गई है। कनकांचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन ने बुधवार को बड़ा रूप ले लिया। सुबह 11.30 बजे धरनास्थल पर विजय बाबा ने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। ऐसे में तुरंत ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई और बाबा को जिला मुख्यालय स्थित आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद जयपुर के SMS हॉस्पिटल में उनको रैफर किया गया है। इसके अलावा 33 घंटे गुजरने के बाद प्रशासन की समझाईश एवं मागों पर सहमति बनने पर दूसरे साधु बाबा नारायणदास भी मोबाइल टॉवर से नीचे उतरे।

पिछले 551 दिन से अवैध खनन को लेकर साधु समाज का आंदोलन चल रहा था। आंदोलन और सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद भी अवैध खनन नहीं रूका। समाधान नहीं निकलने का परिणाम साधु के आत्मदाह के रूप में आया है। विजय बाबा के आत्मदाह की कोशिश के बाद साधु-संतो में पुलिस प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा नजर आ रहा है। जिला कलक्टर आलोक रंजन एवं आईजी गौरव मौके पर पहुंचकर घटना की जांच में जुटे है।

बीजेपी ने प्रदेश की गहलोत सरकार को इस मुद्दे पर जमकर घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना के लिए पूरी तरह से प्रदेश की गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उदयपुर के बाद ब्रज के कामां क्षेत्र में भी गहलोत सरकार की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां अवैध खनन को बंद कराने की साधु-संतों की मांग पर राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया। खनन कि रोक के बाद भी वहां अवैध खनन हो रहा है। और साधु-संतों को आवाज उठानी पड़ रही है। प्रदेश सरकार ने अगर इसे गम्भीरता से लिया होता तो आज ये हालात नहीं होते। इसके लिए पूरी तरह से प्रदेश की गहलोत सरकार जिम्मेदार है।

कॉपी राइटर – आकाश वर्मा