कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है और राजस्थान में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है तो इन्हें तलाशने की। राजस्थान के बारां जिले के बम्बौरी कलां गांव में रहने वाले योगेश नागर पर यह दोनों ही कहावते बिलकुल ठीक बैठते हैं। योगेश केवल 19 वर्ष का है और उसने इतनी छोटी सी आयु में ही रिमोट से ट्रैक्टर चलाने की तकनीक इजात करते हुए सभी को हैरानी में डाल दिया है। अब उसकी यह तकनीक गांव के अन्य किसान भी खरीदना चाहते हैं। योगेश की इस नायाब खोज का आइडिया उसके पिता की बिमारी के कारण आया।
योगेश के पिता रामबाबू नागर अपनी 15 बीघा जमीन पर खेती व मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहे हैं। ट्रैक्टर चलाने की वजह से उनके पेट में तकलीफ रहती थी जिससे वह काम नहीं कर पाते थे। उनकी तकलीफ देखकर ही योगेश ने रिमोट से ट्रैक्टर चलाने की तकनीक ढूंढी और ऐसा रिमोर्ट तैयार किया जिससे ट्रैक्टर चलाने के लिए किसी चालक की जरूरत नहीं होती। हां, रिमोट आॅपरेट करने के लिए एक आॅपरेटर की जरूरत पड़ती है जिसे एक जगह बैठकर आसानी से आॅपरेट किया जा सकता है। इस रोबोटिक ट्रैक्टर बनाने के लिए उसने ट्रैक्टर पर दो सिग्नल लगाए हैं ताकि उसे रिमोट से कनेक्ट किया जा सके।
योगेश बताता है कि रिमोट से ट्रैक्टर चलाने की तकनीक को विकसित करने के लिए कुछ उपकरण स्वयं बनाए तथा कुछ उपकरण बाजार से खरीदे। इस पूरी तकनीक पर करीब 47 हजार रूपए का खर्चा आया है। इस रिमोट की कवरेज दायरा एक से डेढ़ किलोमीटर है। उसने इसके लिए एक आॅटो पैनल तैयार किया जिससे सिंग्नल देकर ट्रैक्टर को बिना चालक के ही चलाया जा सके। इस आविष्कार में योगेश को 3 से 4 महीने का समय लगा है। योगेश अपने आपको इस आविष्कार तक ही सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी उपकरण बनाना चाहता है।
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