तीन दिवसीय राजस्थान ग्लोबल एग्रीटेक मीट ग्राम-उदयपुर का आज समापन हो गया। प्रदेश के किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए संभाग स्तर पर आयोजित किए गए ग्राम-उदयपुर में उदयपुर संभाग के 30,000 से भी ज्यादा किसानों ने भाग लिया। 7-9 नवंबर, 2017 तक आयोजित की गर्इ् इस मीट के पहले दिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उद्घाटन करते हुए 483 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने उदयपुर संभाग में ग्रामीण क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के लिए 1186 करोड़ रूपये की लागत से 3167 किलोमीटर लंबाई की सड़कों के विकास कार्य करवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये काम ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के लिए की गई पुरानी घोषणाओं से अलग होंगे और अगले एक वर्ष में पूरा भी कर लिया जाएगा।
अंतिम दिन विशेषज्ञों ने सिखाया कीट समस्या से बचने का तरीका: संभाग स्तरीय इस मीट के तीसरे और अंतिम दिन विशेषज्ञों ने उद्यानिकी जाजम चौपाल पर किसानों को कीटों की समस्या से बचने के तरीके सिखाए। अंतिम दिन उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि वन उपज के ट्रांजिट परमिट के मुक्त होने आदिवासियों को मिला लाभ है। किसानों को संबोधित करते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि संभाग के कृषि विज्ञान केन्द्रों पर स्मार्ट फार्म के मॉडल लगाए जाने चाहिए। मंत्री माहेश्वरी ने आगे कहा कि ग्राम के माध्यम से किसानों को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिली है। प्रदेश के किसानों को देश—विदेशों की उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानाने को मिला है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसानों को इंटीग्रेटेड फार्मिंग की ओर बढ़ना होगा।
12 फसलों में राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर: ग्राम-उदयपुर में तीसरे दिन कृषि मंत्री डॉ. प्रभूलाल सैनी ने कहा कि हमारा राजस्थान 12 फसलों में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। हरित क्रांति, नीली क्रांति, श्वेत क्रांति और पीली क्रांति के बाद अब राजस्थान सदाबहार क्रांति की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि ‘उन्नत किसान, खुशहाल किसान’ विजन के साथ ग्राम-उदयपुर का आयोजन रहा। किसानों के नवाचार के लिए 487 करोड़ के 18 एमओयू हुए। कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि हमें फसलों के विविधिकरण की ओर बढ़ना होगा। राज्य में एक लाख किसानों को पोषण तत्वों की कमी पूरी करने के लिए मिनी किट वितरित किए जा रहे हैं। मंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में 75 लाख किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं। केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी चौधरी ने भी अंतिम दिन किसानों को संबोधित किया।
अंतिम दिन किसानों ने बताई अपनी सफलता की कहानी: इस मीट के अंतिम दिन प्रगतिशील किसान श्यामू देवी कुमावत ने अपनी सफलता की कहानी बताई। चित्तौड़गढ़ के चेची गांव की कृषि और पशुपालक महिलाओं ने भी अपनी सफलता की कहानी बताई। इनके अलावा कई प्रगतिशील किसानों ने अपनी सफलता की कहानी बताकर किसानों को प्रेरित किया। प्रतापगढ़ की महिला किसानों ने स्मार्ट फार्म उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारियां ली। इससे पहले दूसरे दिन पशुपालन की जाजम (चौपाल) पर आए सैंकड़ों किसानों ने विशेषज्ञों से अपनी समस्याओं और परेशानियों पर खुलकर संवाद किया। विशेषज्ञों ने भी किसानों को उचित परामर्श और सुझाव देकर उनकी समस्याओं को दूर किया।
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488 करोड़ के एमओयू से 7 से ज्यादा को मिलेगा रोजगार: मीट में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी एवं खान राज्य मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की मौजूदगी में 18 उपक्रमों के साथ 488 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए। राज्य सरकार की ओर से कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की प्रमुख शासन सचिव नीलकमल दरबारी और पशुपालन विभाग के सचिव अजिताभ शर्मा ने हस्ताक्षर किए। प्रंस्करण के 10, प्राईवेट मंडी का 1, ट्रेनिंग शिक्षा का 1, वेयर हाऊस और कोल्ड स्टोरेज के 4, नवाचारी फसल किनोवा का 1 और ग्रीन हाऊस फार्मिंग का 1 एमओयू हुआ। कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि इन एमओयू के माध्यम से 488 करोड़ का निवेश होगा तथा 7500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश निश्चय ही प्रोसेसिंग, ग्रेडेशन और वेल्यूएशन के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने को लेकर गंभीरता से प्रयास कर रही है। ऐसे में बडे स्तर पर निवेशकों द्वारा एमओयू के माध्यम से भागीदारी निभाना प्रदेश के किसान कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम है।