राजस्थान सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों का जल्द ही प्रमाणीकरण करने जा रही है। इसके पीछे सरकार का मकसद सरकारी स्कूलों में बेहतर और क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराना है। जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तुलना में समान स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सके। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों का परिणामों के आधार पर प्रमाणीकरण किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों की सर्टिफिकेशन की व्यवस्था प्रारंभ की जाएगी। सर्टिफिकेशन के तहत स्कूलों का शिक्षण गुणवत्ता के आधार पर सर्टिफिकेशन किया जाएगा। इससे राज्य के सरकारी स्कूलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के तहत शिक्षण गुणवत्ता के स्तर में लगातार बढ़ोतरी होगी।
सतत मूल्यांकन किया जाएगा: शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने शिक्षा संकुल सभाकक्ष में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की विशेष समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों के सुदृढ़ीकरण के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के तहत सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि के लिए उठाए गए कदमों का सतत मूल्यांकन भी किया जाएगा। इसके लिए राज्य में शिक्षा अधिकारियों को सरकारी स्कूलों को अधिक बेहतरीन बनाए जाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा गतिविधियां क्रियान्विति के निर्देश: मंत्री देवनानी ने शारदे छात्रावासों में सुविधाओं का समुचित रूप से विकास किए जाने के साथ ही बालिकाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गतिविधियां क्रियान्वित किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने राज्य में स्थापित आदर्श स्कूलों की समीक्षा करते हुए कहा कि उन्हें आदर्श रूप में विकसित करने के साथ ही बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए भी लगातार कार्य किया जाए। देवनानी ने बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 179 शारदा छात्रावासों में 13 हजार 387 बालिकाएं पंजीकृत है। बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के तहत स्टूडेंट्स के शिक्षण स्तर में वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि मॉडल स्कूलों का सीबीएसी बोर्ड परीक्षा परिणाम औसतन 98 प्रतिशत से अधिक रहा है।