राज्य के दो जिलों में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो गई है। बाकी जिलों में भी जल्द ही सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करेगी। राजस्थान के किसान अब अपनी फसल मंडी भावों से अधिक मूल्य पर बेच पाएंगे। फिलहाल अजमेर और नागौर जिले के किसान अपनी फसल सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं। राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि अजमेर जिले में किशनगढ़, केकड़ी एवं सरवाड़ तथा नागौर जिले के नागौर, जायल, मेड़ता एवं डेगाना केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद प्रारंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि सरवाड़ एवं केकड़ी में उड़द के समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जल्द ही इन केंद्रों पर भी उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जाएगी।
राज्य में कुल 169 केन्द्रों पर होगी समर्थन मूल्य पर खरीद: डॉ. वीना ने आगे बताया कि राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की पैदावार के आधार पर कुल 169 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में किसानों द्वारा पंजीयन कराने पर खरीद प्रारंभ की जा रही है, इससे अधिक से अधिक किसान लाभ मिल सकेगा।
समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए निर्धारित किए मापदंड: डॉ. वीना ने बताया कि नेफैड ने मूंग खरीद के लिए औसत अच्छी क्वालिटी के मापदंड निर्धारित किए हैं। मापदण्ड के अनुसार मूंग में विजातीय तत्व जैसे कंकड़, मिट्टी, कचरा 2 प्रतिशत, अन्य मिश्रण 3 प्रतिशत, क्षतिग्रस्त दाने 3 प्रतिशत, आंशिक क्षतिग्रस्त दाने 4 प्रतिशत, अधपके, अविकसित सिकुड़े दाने 3 प्रतिशत, छेदयुक्त दाने 4 प्रतिशत एवं नमी की मात्रा 12 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि यदि एफएक्यू मापदण्ड के संबंध में कोई विवाद है तो उसके लिए प्रत्येक खरीद केन्द्र पर एक चार सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है जो मौके पर ही संबंधित विवाद का निपटारा कर देगी।
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10 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन: डॉ. वीना ने बताया कि अजमेर जिले में 100 से अधिक किसानों द्वारा तथा नागौर जिले में 10 हजार से अधिक किसानों ने ऑनलाईन पंजीयन करवाया है। किसानों को उनकी उपज को खरीद केन्द्र पर लाने के लिए तारीखों का भी आवंटन कर दिया गया है। डॉ. वीना ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपनी उपज को बेचने के लिए जल्दी से जल्दी ऑनलाईन पंजीयन कराएं ताकि आवश्यकतानुसार खरीद केन्द्रों पर तौल कांटों की संख्या को बढ़ाया जा सके। जिससे प्रदेश के किसानों को सरकार की समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने की योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।