प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में खेती और पेयजल समस्या के निराकरण के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस अभियान से न केवल ग्रामीण इलाकों में पीने की पानी की समस्या हल हुई है, साथ ही फसलों के लिए पानी का संकट भी पूरी तरह से खत्म हुआ है। इस अभियान के तहत नसीराबाद के पास दिलवाड़ा ग्राम पंचायत में काना बाबा के कुंए के पास नाडी एवं वेस्ट वियर का निर्माण किया गया है जिसने आसपास के इलाके की तस्वीर बदल दी है। यहां नाडी बनने से आसपास के कुंओं का जलस्तर भी ऊपर आ गया है। पशुओं के लिए भी उनके बाड़े के पास ही पानी उपलब्ध हो जाने से पशुपालकों को भी इसका फायदा मिला है।
आपको बता दें कि एक सर्वे में यह बात सामने आयी थी कि दिलवाडा में भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है। वहीं गांव में किसानों को खेती के लिए वर्षा के जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। पशुओं के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं था। उसके बाद मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत नाडी और वेस्ट वियर निर्माण का निर्णय लिया गया और अब इसके सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। पहली ही बरसात में नाडी में पर्याप्त पानी आ गया। नाडी में फिलहाल 2.2 हजार क्यूबिक मीटर जल की उपलब्धता है। अब नाडी में इतना पानी है कि किसान रबी व खरीफ दोनों फसलों की बुवाई व सिंचाई इसी पानी से कर सकते हैं।
तिलाना गांव में खंडीन निर्माण से जल स्तर में हुई वृद्धि
कुछ इसी तरह की कहानी जिले के नसीराबाद उपखण्ड के तिलाना गांव में करवाए जा रहे विकास कार्य की भी है। यहां गुमान सिंह के खेत में करवाया गया खड़ीन का निर्माण न केवल काश्तकार बल्कि आसपास के ग्रामीणों को भी लाभान्वित कर रहा है। फसलों के लिए भी पर्याप्त पानी मिल गया है। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जानकारी दी कि इस गांव में जल संकट गहराया हुआ है। पीने को तो क्या, खेती के लिए भी जल उपलब्ध नहीं था। समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत सर्वे कराया गया। पता चला कि पिछले कई सालों से यहां बारिश तो पर्याप्त हो रही है लेकिन वर्षा जल बहकर नालों में चला जाता था। बहता जल अपने साथ उपजाऊ मिट्टी को भी बहाकर ले जाता था। इस समस्या का निवारण के लिए 1.96 लाख रूपए की लागत से गुमान सिंह के खेत में खड़ीन निर्माण कार्य कराया। अब इसके शानदार परिणाम सामने आए हैं। खड़ीन में सामान्य वर्षा में ही 5.60 हजार क्यूबिक मीटर पानी आ गया है। आसपास के कुओं में भी जल स्तर में बढ़ोतरी होने लगी है। किसानों को दो फसलों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हुआ है।
इसी अभियान के तहत तिलाना गांव में ही गिरधर सिंह के खेत में फाॅर्म पोंड का निर्माण कराया गया। इस काम पर मामूली खर्च आया और अब पाॅण्ड में 2.2 हतार क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है। पानी की आवाक होने से कृषक गिरधर सिंह को तो फायदा हुआ ही, आसपास के कुओं में भी जलस्तर ऊपर आ गया है। अब यहां के किसान राजस्थान सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि इस अभियान ने उनकी जिंदगी बदल दी है।
मगरा योजना ने ग्रामीणों के दिलाया गंदगी व बदबूदार रास्ते से छुटकारा
ऐसी ही कहानी है जिले के मसूदा पंचायत समिति की दौलतपुरा प्रथम ग्रामपंचायत तथा लोरड़ी गांव की जो लंबे समय से केवल कीचड़ और गंदगी भरे रास्ते के लिए जाना जाता था। मसूदा रोड से जुड़ने वाला गांव का मुख्य रास्ता सदैव कीचड़ से भरा रहता था। वजह थी—रास्ते से पानी का निकास बाहर नहीं हो पाता था। लंबे समय तक कीचड़ से बदबू और गंदगी पैदा होने लगी।
इसके बाद जिला परिषद के द्वारा यहां सीसी ब्लाॅक तथा नाली निर्माण का कार्य मगरा योजना तथा महात्मा गांधी नरेगा के कन्र्वजेंश के साथ स्वीकृत किया गया। यह कार्य शुरू होने से इस सड़क मार्ग की दशा तो सुधरी ही, ग्रामीणों को रोजगार भी मिला। नरेगा से सहायता राशि प्राप्त होने से मुख्य मार्ग मसूदा रोड से सुखदेव गुर्जर के घर तक सीसी ब्लाॅक नाली युक्त भी लग गए। वर्तमान में समस्त ग्रामवासी इस सड़क का निर्बाध उपयोग कर सरकार की कल्याणकारी व आम योजनाओं से खुश होकर सरकार का धन्यवाद दे रहे हैं।
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