इस माह की 17 तारीख को हुए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजें कल 20 तारिख को सामने आ गए। इसी के साथ देश को श्री रामनाथ कोविंद के रूप में 14 वें राष्ट्रपति मिल गए। गौरतलब है कि 37 साल के पार्टी इतिहास में भाजपा विचारधारा के प्रतिनिधि के रूप में रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति होंगे। एनडीए उम्मीदवार राष्ट्रपति कोविंद ने यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को बड़े अंतर से हराकर राष्ट्रपति पद पर विजय छाप लगाईं। देश में एनडीए की मज़बूती और विपक्ष की कमज़ोरी से कोविंद की जीत तो पहले से ही तय मानी जा रही थी। लेकिन कल आये नतीजें में एनडीए प्रत्याशी कोविंद को अपेक्षा से अधिक वोट मिले। इससे पूरा अंदेशा है की कोविंद के समर्थन में विपक्षी दलों की तरफ से क्रॉस वोटिंग हुई है।
सात पूर्व राष्ट्रपतियों से ज़्यादा वोट मिले कोविंद को:
अगर मत के प्रतिशत और आंकड़ों पर नज़र दौड़ाए तो पता चलता है कि रामनाथ कोविंद को अब तक बने 14 में से 7 राष्ट्रपतियों से ज़्यादा वोट मिले हैं। कुल मतों के 65.65% के साथ जहाँ कोविंद को 7 लाख 2 हजार 44 वोट मिले वहीँ वहीं यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को 34.35 फीसदी के साथ 3 लाख 67 हजार 314 वोट मिले है। संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को आन्ध्र-प्रदेश से एक भी वोट नहीं मिला है। देश के सभी राज्यों समेत दिल्ली व पुड्डुचेरी से अच्छे-खासे वोट लेकर विजयी हुए रामनाथ कोविंद अब 25 जुलाई को पद की शपथ लेंगे।
इन राज्यों में कोविंद के समर्थन में हुई क्रॉस वोटिंग:
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के साथ ही कई राज्यों में विपक्षी विधायक दल की वोटिंग एनडीए उम्मीदवार कोविंद के समर्थन में हुई। मध्यप्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, और दिल्ली में हुई वोटिंग के आंकड़ों को देखें तो स्पष्ट है कि जिन वोट की उम्मीद नहीं थी वे विपक्षी वोट भी कोविंद की तरफ गए है।
- मध्यप्रदेश में भाजपा के 165 विधायक होने के बावजूद यहाँ कोविंद को 171 वोट मिले हैं। यहाँ कांग्रेस के 56 व विपक्ष के रूप में यूपीए का समर्थन करने वाली बसपा के 4 विधायक है। इनमे से मीरा कुमार को महज़ 57 मत ही मिले हैं।
- गुजरात में 121 विधायकों वाली भाजपा को 132 वोट मिले। यहाँ कांग्रेस के करीब 8 वोट कोविंद के समर्थन में पड़े है।
- दिल्ली में 4 विधायकों वाली भाजपा को वहां 6 मत मिले। आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने कोविंद को समर्थन दिया।
- त्रिपुरा के बागी तृणमूल कांग्रेस विधायकों के 7 वोट एनडीए उम्मीदवार कोविंद के पक्ष में गए।
- पश्चिम बंगाल में भाजपा व सहयोगी दलों के कुल 6 वोट है, लेकिन वहां 11 वोट कोविंद के समर्थन में गए।
- महाराष्ट्र में भाजपा व सहयोगी शिवसेना के कुल 185 सांसद होने के बावजूद वहां कोविंद को 208 वोट मिले।
- गोवा में कोविंद को 5 व असम में 4 वोट ज़्यादा मिले है।