राजस्थान के अन्नदाताओं की उन्नति और तरक्की के लिए प्रयासरत वसुंधरा सरकार निरंतर अपने इन प्रयासों को परिणाम का रूप देने में लगी है। अपने प्रदेश के किसानों की उपज का अच्छा मूल्य देकर उनका उत्साहवर्धन किया जा रहा है। इन दिनों राजस्थान सरकार राज्यभर के किसानों को उनके गेहूं का समर्थन मूल्य दे रही है। अगर किसी किसान को अपने गेहूं की ठीक कीमत बाज़ार में नहीं मिल पाती है, तो राज्य सरकार बगैर संकोच उसे अच्छे दाम में खरीद रही है। इसके लिए सरकार ने खरीद की पहले प्रस्तावित दिनांक को 15 जून से आगे बढ़ाकर अब 30 जून तक कर दिया है। किसानों को उनकी बंपर पैदावार पर बम्पर रकम मिले इसलिए सरकार ने खरीद सीमा को बढ़ा दिया है।
अब तक खरीदे जा चुके हैं, 12 लाख 18 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं:
राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने बुधवार को बताया कि राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 12 लाख 18 हजार मै.टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है। सरकार ने सभी किसानों के उत्पादन को सीधे-सीधे खरीदा है। सरकार की इस कार्यप्रणाली से राज्य के किसानों में आत्मवीशवास आया है। अब किसानों को फसल कटाई के बाद उसके बारिश में भीग जाने या खराब हो जाने का डर नहीं रहा।
प्रदेश में 208 खरीद केंद्रों पर दिया जा रहा है उचित समर्थन मूल्य:
सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि किसानों को गेहूं का उचित समर्थन मूल्य देने के लिए राज्य में भारतीय खाद्य निगम, नेफैड, तिलम संघ एवं राजफैड जैसे संगठनों द्वारा 208 खरीद केन्द्र बनाये गए है। इन केंद्रों पर गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य 1625 रुपये प्रति क्विंटल पर की जा रही है। किसान के सभी किस्म के गेहूं को सरकार इस समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। इन केंद्रों द्वारा अभी तक 19 अरब 79 करोड़ 25 लाख रुपये से अधिक के गेहूं की खरीद की जा चुकी है।
किसानों को मिल रहा है हाथों-हाथ ई-पेमेंट:
किसानों से गेहूं खरीद के बदले उन्हें विक्रय की राशि का भुगतान ई-मोड या एकाउण्ट पेई चैक के माध्यम से हाथों-हाथ किया जा रहा है। किसानों को उधारी के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ रहा है। राज्यभर में बनाये गए 208 खरीद केंद्रों के अतिरिक्त कई पंचायत समितियों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के स्तर पर भी खरीद केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
खरीद केंद्रों पर किसानों को मिल रही है सारी सुविधाएं:
सरकार द्वारा स्थापित किये गए इन खरीद केंद्रों पर अपनी फसल विक्रय करने आने वाले किसानों को तोल-माप के लिए, कांटा-बांट, मॉईश्चर मीटर, आदि की सुविधाएं दी जा रही है। खरीद केंद्रों पर छाया एवं पानी की समुचित व्यवस्था हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है ताकि दूरदराज़ से आने वाले किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
सहकारिता मंत्री कीलक ने बताया कि खरीद केन्द्रों पर किसानों से प्रथम आवक प्रथम जावक के आधार पर गेहूं की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि खरीद केन्द्रों पर हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खरीद कार्य किया जा रहा है। ज़्यादा से ज़्यादा समय देकर अधिकाधिक किसानों को पूरी तरह से लाभान्वित करना सरकार का लक्ष्य है।