जयपुर। राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार की मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। मंत्रिमंडल में 12 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री र्है। इनमें से 17 पहली बार मंत्री बने हैं। बीजेपी ने मंत्रिमंडल में 2 ब्राह्मण नेताओं, 4 जाट, राजपूत और एससी/एसटी के तीन-तीन नेताओं के अलावा अन्य समुदायों को शामिल करके जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है। लेकिन मंत्रिमंडल गठन के बाद अब विरोध स्वर भी उठने लगे हैं। राजपूत समाज की ओर से सरकार के मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर विरोध जताया है।

राजपूत समाज में रोष
जोधपुर के मारवाड़ राजपूत समाज में बीजेपी के खिलाफ भारी नाराजगी है। समाज के पदाधिकारियों ने इसको लेकर मारवाड़ राजपूत समाज भवन में बैठक की। इसमें समाज के पदाधिकारियों ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।

BJP को दी ये चेतावनी
मारवाड़ राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में कहा कि साल 2018 में समाज के लोगों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया था, जिसके चलते राजस्थान में बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ा था। उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो बीजेपी को परिणम भुगतना पड़ेगा।

तीन विधायकों को ही बनाया मंत्री
मारवाड़ राजपूत समाज के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगठा ने बताया कि राजपूत समाज का 90 फीसदी वोट सीधा बीजेपी को जाता है, लेकिन बीजेपी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में समाज की उपेक्षा की है। समाज के केवल तीन विधायकों को ही मंत्री बनाया गया है, जबकि पार्टी ने समाज के 26 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इसमें से 16 विधायक जीतकर आए।

बीजेपी कर रही है समाज की उपेक्षा
वहीं मारवाड़ राजपूत समाज के महासचिव केवी सिंह चांदरखा ने बताया कि ये समाज बीजेपी का मूल वोटर है। इसके बावजूद समाज की उपेक्षा की गई। उन्होंने बताया कि पिछली बार बीजेपी की सरकार बनी तब समाज के पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया था। मारवाड़ राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पहले समाज के उम्मीदवारों को 45 से 50 टिकट दिए जाते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे कम किए जा रहे हैं।

समाज को ना समझे बंधुआ मजदूर
महासचिव केवी सिंह चांदरखा ने कहा कि बीजेपी समाज को बंधुआ मजदूर समझ रही है। उनको गलतफहमी गई है। वो गलतफहमी हम निकाल देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी का यही रवैया रहा तो समाज को बैठकर आगे की रणनीति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

बीजेपी को मिली 115 सीटें
आपको बता दें कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे। इसमें बीजेपी ने 115 सीटें पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें ही जीतीं थीं। भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।