जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को संपन्न हो गया है। अब अगले महीने तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम जारी किए जाएंगे। जनता जनार्दन ने जमकर मतदान किया और पहली बार मतदान प्रतिशत 75 फ़ीसदी के पर पहुंचा। जहां इस बंपर मतदान से भाजपा को कई उम्मीदें हैं तो वहीं इस बंपर मतदान में महिलाओं की बड़ी भागीदारी ने कांग्रेस की भी उम्मीदें बढ़ा दी है। मतदान होने के बाद अब प्रत्याशी रिलैक्स मूड में नजर आ रहे हैं। कोई अपने परिवार के साथ तो कोई कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर अपना वक्त बिता रहा है। वहीं, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपनी देव दर्शन यात्रा शुरू कर दी है। इसी बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दावा किया कि प्रदेश में अंधेरा खत्म होगा और यहां कमल खिलेगा क्योंकि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के लिए मतदान किया है।
अंधेरा खत्म होगा और कमल खिलेगा
वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने दावा किया कि प्रदेश में अंधेरा खत्म होगा और यहां कमल खिलेगा क्योंकि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के लिए मतदान किया है। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य की जनता ने बीजेपी के नेतृत्व को स्वीकार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व को सिरे से खारिज कर दिया है।
कांग्रेस की सभी गारंटी खारिज
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि लोगों ने कांग्रेस के नेतृत्व को सिरे से खारिज कर दिया है। लोगों ने कांग्रेस की सभी गारंटी को भी खारिज कर दिया है जो झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं हैं। जनता ने भाजपा के वादों पर विश्वास किया है। वे जानते हैं कि भाजपा के वादे पूरे करने के लिए होते हैं। महिलाओं, दलितों, किसानों, बेरोजगारों और व्यापारियों सहित समाज के सभी वर्गों पर गहलोत सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों का बदला लोगों ने लिया है।
राजे ने पोते के साथ किया था मतदान
राजे ने कहा कि चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित होंगे जिससे कांग्रेस को झटका लगेगा। पूर्व मुख्यमंत्री राजे राज्य भर में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने एक मात्र नेता थीं। उल्लेखनीय है कि राजे ने अपने पोते विनायक प्रताप सिंह के साथ झालावाड़ में मतदान किया।
वसुंधरा राजे तीसरी बार संभालेंगी कमान
भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो मुख्यमंत्री पद की सबसे प्रबल दावेदार वसुंधरा राजे ही है, क्योंकि वसुंधरा राजे प्रदेश की दो बार मुखिया रह चुकी है और साथ ही सबसे लोकप्रिय नेता भी है। सियासी पंडितों का दावा है कि अगर भाजपा 100 या 110 के फेरे में फंसती है तो निश्चित तौर पर वसुंधरा राजे ही फिर से सूबे की कमान संभालेंगे।
जब-जब वोट प्रतिशत बढ़ा, BJP सत्ता में आई
राजस्थान का 20 सालों का चुनावी इतिहास कहता है कि विधानसभा चुनाव में अगर मतदान प्रतिशत कम हुआ है तो कांग्रेस की सरकार बनी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार 0.9 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है। राज्य में कुल 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है। सूबे में वोटिंग प्रतिशत कम होने या बढ़ने का एक ट्रेंड चलता रहा है। हर बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का लाभ बीजेपी को मिला है और घटने का लाभ कांग्रेस को मिला है।