राजस्थान में चुनाव की तारीख बदल गई है। अब 25 नवंबर को मतदान होगा। पहले 23 नवंबर को मतदान होना था, लेकिन देवउठनी एकादशी के कारण यह माना जा रहा था कि इससे वोटिंग प्रतिशत घट सकता है।
राजस्थान में राजनीतिक दलों को इस चुनाव में प्रचार के लिए अब 47 दिन मिलेंगे। 2018 में 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई और 7 दिसंबर को वोटिंग हुई। इसके मुताबिक, 2018 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए 62 दिन मिले थे, लेकिन 9 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद 23 नवंबर को वोटिंग होने के कारण उन्हें सिर्फ 45 दिन ही मिले।
23 नवंबर को मतदान के दिन देवउठनी एकादशी संस्कृति और धार्मिक आस्था से जुड़ा एक बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है। राजस्थान में इसका बहुत बड़ा असर है। यह पर्व प्रदेश में अबूझ सावे के नाम से प्रसिद्ध है।
इस दिन राजस्थान में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दिन करीब 50 हजार शादियां होंगी। शादियों के चलते लोग एक शहर से दूसरे शहर जाएंगे। वहीं, टेंट, कैटरिंग, बैंड आदि सहित अन्य श्रेणियां सीधे तौर पर शादियों में शामिल होती हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि ये लोग शायद ही इस दिन वोट डालने जा पाएंगे, इसे लेकर कई सामाजिक संगठनों ने पत्र भी लिखा था। इसके बाद वोटिंग की तारीख में बदलाव किया गया और दो दिन आगे बढ़ा दिया गया।