भरतपुर, राजस्थान की राजधानी जयपुर मंे कांग्रेस के गृह राज्यमन्त्री राजेन्द्र यादव और एक ब्रोकर कंवलजीत राणावत के आवास पर ईडी द्वारा छापेमारी से राजस्थान की गहलोत सरकार के अनेक मन्त्री एवं विधायक सहित अन्य नेताओं में खलबली मची हुई है और यह मामला मिड्डे मील घोटाला से जुडा हुआ है। यहीं नहीं कोटपुतली में भी ईडी के द्वारा छापेमारी की भी आमजन में चर्चा है। अब कांग्रेस से भ्रष्ट मन्त्री एवं अन्य पर मोदी सरकार ने सिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि 25 सितम्बर को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की जयपुर में परिवर्तन संकल्प सभा हुई।
सभा के दौरान पीएम मोदी ने भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने की बात कही थी, पीएम मोदी की सभा के दूसरे दिन 26 सितम्बर मंगलवार को सुबह से ही ईडी द्वारा छापेमारी की कार्यवाही की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक साल पहले भी इनकम टैक्स विभाग द्वारा मन्त्री और ब्रोकर राणावत के घर पर रेड डाली गई थी, जिस रेड की कार्यवाही के दौरान इनकम टैक्स विभाग को इन दोनों के पास अघोषित सम्पत्ति मिली थी।
इस मामले पर बोलते हुए भरतपुर के समाजसेवी यश अग्रवाल ने कहा कि यह राजस्थान की जनता से विश्वासघात है और प्रदेश की जनता को सुविधा देने में असमर्थक गहलोत सरकार के मन्त्री आज घोटालों में संलिप्त हैं। यह मात्र संयोग ही नहीं, बल्कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान बनाने के संकल्प का एक हिस्सा है। यश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस एवं गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार ने राजस्थान प्रदेश को खोखला कर दिया है, लेकिन मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ नो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए भ्रष्टाचारियों को नहीं छोडेगी, अभी तो शुरूआत है राजस्थान को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का।
राजस्थान में मोदी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का अभियान शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि मादी सरकार और भाजपा का सपना है कि राजस्थान भ्रष्टाचार व अपराध मुक्त हो और रोजगार युक्त हो, साथ ही राजस्थान में चहूंमुखी विकास हो। राजस्थान में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का परिवर्तन होगा और प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सोंपने का पूर्ण रूप से मन बना लिया है।