विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू करने का राजस्थान की कांग्रेस सरकार ढोल पीट रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्री विकास करने का दावा करते हैं लेकिन भरतपुर जिले में एक गांव ऐसा है जहां आज भी सड़क नहीं है।

भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी घटना हुई जिसने कांग्रेस सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों और दावों की पोल खोल दी है। भरतपुर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव नगला माना में आज तक गांव तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं बन पाई है। ग्राम नगला माना निवासी पूरन सिंह की अचानक तबीयत खराब हुई। ग्रामीण बीमार पूरन सिंह को वैन से अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन उनकी कार कच्ची सड़क के कीचड़ में फंस गई। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से गाड़ी को कीचड़ से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी निकलने से पहले ही पूरन सिंह की मौत हो गई।

बाद में ग्रामीण पूरन के शव को चारपाई पर लिटाकर कीचड़ से होकर घर पहुंचे। बाद में ग्रामीणों ने जयपुर मथुरा स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया और राजस्थान की कांग्रेस सरकार और भरतपुर विधानसभा विधायक डॉ. सुभाष गर्ग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नगला माना निवासी पूरन सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और ग्रामीण और परिजन उन्हें गाड़ी से अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन गांव का रास्ता कच्चा है और कीचड़ है। जिसके कारण मरीज को ले जा रही कार कीचड़ में फंस गई। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से गाड़ी को निकालने का प्रयास किया लेकिन इसमें काफी समय लग गया, जिससे पूरन सिंह की मौत हो गई।

नगला माना गांव निवासी और एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष बीके फौजदार ने बताया कि गांव के रहने वाले पूरन सिंह की तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें कार से अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन कार कीचड़ में फंस गई और बाहर नहीं आ सकी, जिसके कारण काफी विलंब हुआ। इसके बाद पूरन सिंह की मौत हुई। जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर होने के बावजूद गांव तक पक्की सड़क नहीं है।

अब इसी से पता चलता है की कांग्रेस ने कैसा विकास किया होगा, जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव की सड़क ही नहीं बनी और आज भी वहां कच्ची सड़क है और कांग्रेस विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं का ढिंढोरा पीट रही है। आज कांग्रेस के विकास की पोल खुल गयी है। गांव की सड़क पर कीचड़ होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इसी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। इससे ग्रामीणों में काफी गुस्सा है और ग्रामीणों ने शव को हाईवे पर रखकर प्रदर्शन भी किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।