राजस्थान में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा शुरू होने के बाद सियासी माहौल बदलने लगा है। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने धीरे-धीरे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आगे लाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में चार परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के मौके पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जिस तरह से वसुंधरा राजे की तारीफ की है। इससे राज्य में पार्टी की रणनीति की तस्वीर साफ होती जा रही है।
आपको बता दें कि परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वसुंधरा राजे के काम की सराहना की और उनके भावी नेतृत्व होने का इशारा किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब राज्य में चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी की तस्वीर साफ होने लगी है।
राजस्थान में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं। परिवर्तन यात्रा की शुरुआत के साथ ही वसुंधरा राजे के अलावा कोई भी नेता जमीन पर नजर नहीं आ रहा है। दरअसल, प्रदेश बीजेपी में वसुंधरा राजे सबसे प्रभावशाली और जमीनी स्तर की नेता हैं। वसुंधरा राजे इससे पहले भी राज्य में कई सफल सभाएं कर चुकी हैं। जिसमें अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली है।
हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से बनाई गई दो कमेटियों में भी वसुंधरा राजे को शामिल नहीं किया गया था। इसके चलते राज्य में उन्हें पार्टी द्वारा किनारे किए जाने की चर्चा तेज हो गई थी। राज्य के स्थानीय नेताओं ने भी वसुंधरा राजे को कमजोर करने की पूरी कोशिश की। लेकिन वे सफल नहीं हो सके। समय के साथ वसुन्धरा राजे प्रभावशाली बनकर उभरती गईं।
वसुंधरा राजे के खिलाफ गुटबाजी करने वाले नेता जमीन पर अपना प्रभाव नहीं दिखा सके। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बढ़ते कद को अगर कोई नेता टक्कर दे सकता है तो वह हैं वसुंधरा राजे। चुनाव से पहले ही पार्टी को यह समझ आ गया है।