भरतपुर/जयपुर, 07 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को नवसृजित जिलों और 3 संभागों की शिला पट्टिकाओं का अनावरण कर प्रदेशवासियों को सबसे बड़ी सौगात दी। उन्होंने बिड़ला सभागार में हुए नवसृजित जिलों के स्थापना कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन में आहूति दी और राजस्थान के चहुंमुखी विकास के लिए कामना की।
श्री गहलोत ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देकर कहा कि नए जिलों और संभागों के सृजन से राज्य की प्रशासनिक इकाइयों का विकेन्द्रीकरण होगा, उनकी क्षमताएं बढ़ेेंगी और कानून व्यवस्था अधिक मजबूत होंगी। आमजन के प्रशासनिक कार्य अब नजदीक ही सुगमता से होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए जनभावनाओं में घुली यह राजस्थान की एक नई सकारात्मक शुरूआत है। इससे प्रदेश को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। हमने राज्यहित में फैसले लेकर पूरे किए हैं।
हमारा विजन 2030
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1956 में 2 करोड़ की जनसंख्या पर 26 जिले बने थे। वहीं, 67 साल में आबादी 3 गुना बढ़ने के बावजूद 7 ही नए जिलों का गठन हुआ था। अब राज्य सरकार ने जनभावना के सम्मान में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए एक साथ 19 नए जिलों का गठन किया है। इसके पीछे हर एक प्रदेशवासी का सपना राजस्थान को वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराना है। राज्य सरकार गांधीजी के विचारों और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जिला गठन समिति का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया है, जिससे आमजन की न्यायोचित मांगों पर परीक्षण कर पूरा किया जाएगा।
गारंटी देने वाला प्रदेश है राजस्थान
श्री गहलोत ने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सूचना और रोजगार प्राप्त करने का अधिकार कानून बनाकर दिया। उसी तरह हमने भी स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच), राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी, न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार राजस्थान के हर पात्र व्यक्ति को दिया है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी में 125 दिन रोजगार, महात्मा गांधी नरेगा के 125 दिन के रोजगार और अनिवार्य एफआईआर की गारंटी दी है। अब राजस्थान रेगिस्तान नहीं बल्कि गारंटी देने वाला प्रदेश बन गया है।
राजस्थान में ऐतिहासिक विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 4 साल में शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, कृषि, रोजगार, पानी, बिजली सहित हर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हुआ है। विद्यालय क्रमोन्नयन, नए महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों की स्थापना, चिकित्सा केंद्रों की शुरूआत और हर ब्लॉक में रीको क्षेत्र का विकास किया गया है। तीन लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। साथ ही, अलग से कृषि बजट पेश करने के साथ निजी क्षेत्र में हजारों रोजगार, स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए नीतियां सहित पेपर लीक प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं।
देश में राजस्थान अग्रणी
श्री गहलोत ने कहा कि हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन से योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राजस्थान की योजनाओं और नीतियों की चर्चा पूरे देश में हो रही है। प्रदेश सब-सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, चिकित्सा महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सबसे अधिक खोलने, देश का सबसे बड़ा आईपीडी टावर एसएमएस अस्पताल में बनाने, सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) फिर से लागू करने, देश का पहला शांति एवं अहिंसा विभाग स्थापित करने, लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने, दूध, ऊन, सरसों, चना, दाल, सोलर, रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन में सबसे आगे है। साथ ही, जीडीपी विकास दर में भी हम दूसरे स्थान पर है।
प्रदेशवासियों से आह्वान
श्री गहलोत ने प्रदेशवासियों से कहा कि नई पीढ़ी को अच्छे संस्कार, विचार, परम्परा और संस्कृति देना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। युवा पीढ़ी को मानवता की सेवा करना सिखाएं। कार्यक्रम में उन्होंने धर्मगुरूओं का भी स्वागत किया।
नवसृजित जिलों की वेबसाइट लॉन्च
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में नवगठित जिलों की वेबसाइट भी लॉन्च की। इनमें- 
anupgarh-rajasthan-gov-in
balotra-rajasthan-gov-in
beawar-rajasthan-gov-in
didwana&kuchaman-rajasthan-gov-in
deeg-rajasthan-gov-in
dudu-rajasthan-gov-in
gangapurcity-rajasthan-gov-in
jaipurural-rajasthan-gov-in
jodhpurrural-rajasthan-gov-in
kekri-rajasthan-gov-in
khairthaltijara-rajasthan-gov-in
kotputlibehror-rajasthan-gov-in
neemkathana-rajasthan-gov-in
phalodi-rajasthan-gov-in
salumber-rajasthan-gov-in
sanchore-rajasthan-gov-in
shahpura-rajasthan-gov-in
इन जिलों और संभाग की स्थापना
अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, जयपुर ग्रामीण, नीम का थाना, डीग, फलौदी, डीडवाना-कुचामन, जोधपुर ग्रामीण, सलूम्बर, दूदू, केकड़ी, सांचौर तथा शाहपुरा के साथ बांसवाड़ा, सीकर और पाली संभाग की स्थापना हुई।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘हर घर न्याय, हर घर खुशहाली’ की संकल्पना के साथ लगभग 1500 राजस्व गांव, 125 उपतहसील, 85 तहसील, 35 एसडीएम, 13 एडीएम कार्यालय और 19 जिलों का गठन किया है। इससे आमजन को प्रशासनिक तथा न्यायिक कार्यों में सुगमता होगी। प्रशासनिक इकाइयों के विकेंद्रीकरण से आमजन को सीधा लाभ मिलेगा। लंबित राजस्व मामलों का भी समयबद्ध निस्तारण हो सकेगा।
जिला गठन समिति के अध्यक्ष श्री रामलुभाया ने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए प्रगति का यह स्वर्णिम अवसर है। जिलों का सृजन राजस्थान के चहुंमुखी विकास के लिए राज्य सरकार के विजन को दर्शाता है। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर जयपुर श्री प्रकाश राजपुरोहित ने जयपुर और जयपुर ग्रामीण जिले की अधिसूचना का पठन किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक श्रीमती गंगा देवी, श्री रफीक खान, श्री गोपाल मीणा, श्री अमीन कागजी व श्री आलोक बेनीवाल, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती अपर्णा अरोड़ा तथा वीसी के जरिए प्रदेश के सभी नवसृजित जिलों से प्रभारी मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और आमजन जुड़े।
वैदिक रीति-रिवाज एवं मंत्रोच्चार के साथ मनाया डीग स्थापना दिवस, राज्य सरकार की सुशासन की अवधारणा को अधिकारी करें साकार – पर्यटन मंत्री
– शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान एवं राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष वाजिब अली रहे मौजूद
– शरद मेहरा प्रथम जिला कलक्टर डीग एवं ब्रजेश ज्योति उपाध्याय प्रथम पुलिस अधीक्षक
– भारी उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया स्थापना दिवस, श्री विश्वेन्द्र सिंह का जनता ने जताया आभार
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के मुख्य आतिथ्य में राज्य सरकार द्वारा नवसृजित डीग जिले का वैदिक मंत्रोच्चार हवन-यज्ञ एवं वैदिक रीति-रिवाज के साथ भव्य समारोह सोमवार को शुभारम्भ कार्यक्रम स्थानीय किशनलाल जोशी राउमावि डीग परिसर में आयोजित किया गया।
पर्यटन मंत्री श्री सिंह ने महाराजा जवाहर सिंह जी एवं रविन्द्रनाथ टैगोर जी की जयंती के अवसर पर उनको नमन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सकारात्मक सोच के कारण आमजन को सुशासन की अवधारणा को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने नवीन जिलों के गठन की घोषणा की। जिसकी अधिसूचना जारी होने के पश्चात 7 अगस्त से जिले की विधिवत शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, जिला गठन समिति के अध्यक्ष श्री रामलुभाया, राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट एवं मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा को धन्यवाद अर्पित किया।
उन्होंने डीगवासियों को जिला स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि नवसृजित जिले के सुचारू संचालन के लिए हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में यह पहली सरकार है कि जिसने 5 वर्ष के कार्यकाल में जनता पर कोई टैक्स नहीं बढाया है और कृषकों के लिए अलग से बजट भी प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि काफी लम्बे प्रयास एवं संघर्ष के बाद डीग जिले की संकल्पना साकार हो पाई है। इस अवसर पर डीगवासियों ने दोनों हाथ उठाकर जय उद्घोष के साथ श्री विश्वेन्द्र सिंह का जताया आभार।
कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान ने कहा कि 7 अगस्त का दिन डीग के लिए सुनहरा पल है। उन्होंने कहा कि राजस्थान भारतवर्ष में 50 जिलों एवं 10 संभाग के साथ तीसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि जिलों की संख्या बढने से दूरदराज के किसानों, महिलाओं एवं आमजन की पहुॅच प्रशासन तक सुलभ हो सकेगी। इसके साथ ही मंख्यमंत्री महोदय ने सामूहिक रूप से 3 संभाग एवं 17 जिलों का एक साथ शिलान्यास कर स्थापना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे राज्य मंे छोटे जिलों की परिकल्पना के आधार पर दूरदराज क्षेत्र के व्यक्तियों को भी सुलभ न्याय मिल सकेगा। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि वह अंतिम छोर के व्यक्तियों की समस्याओं की जनसुनवाई कर न्याय दिलाना सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष वाजिब अली ने डीग के नये जिला बनने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे हम सब की जिम्मेदारी और बढ गई है कि हम सब मिलकर क्षेत्र का औद्योगिक विकास, पर्यटन एवं अन्य क्षेत्रों में अग्रणी बनाकर राज्य में अलग पहचान स्थापित करें। उन्होंने कहा कि डीग जिला दिल्ली के समीप होने के कारण पर्यटन सहित औद्योगिक विकास की विपुल संभावनाऐं हैं जिससे यहॉ के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य के समस्त व्यक्तियों तक सुशासन एवं सुलभ न्याय की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसी अवधारणा को साकार करने के लिए स्थानीय स्तर पर पुलिस एवं प्रशासनिक सुविधा के लिए नव सृजित जिलों की घोषणा कर आमजन को बेहतर सुशासन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं आमजन को बधाई देते हुए कहा कि छोटा जिला होने के कारण अब दूरदराज के लोगों की समस्याओं का समाधान नजदीक ही जिला मुख्यालय पर हो सकेगा जिससे उनका समय एवं धन की बचत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास के लिए प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करें।
जिला कलक्टर डीग शरद मेहरा ने कहा कि उन्हें डीग का प्रथम जिला कलक्टर बनने का जो सौभाग्य राज्य सरकार ने प्रदान किया है उसको वह बेहतर तरीके से पूरा करेेंगे। उन्होंने बताया कि डीग को जिला बनाने का प्रथम प्रयास 1995-96 में किया गया था तब एडीएम कार्यालय की स्थापना के साथ डीग को जिले बनाने की नींव रखीं गई थी। श्री विश्वेन्द्र सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से डीग जिला साकार रूप ले पाया है। उन्होंने कहा कि डीग जिला ब्रज एवं मेवात संस्कृति का संगम स्थली होने के कारण यहॉ अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि सप्तकोसीय गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में भी जिले का 1.200 किलोमीटर हिस्सा होने के कारण पर्यटन की अपार संभावनाऐं हैं साथ ही ब्रज क्षेत्र की चौरासी केास की परिक्रमा का मुख्य मार्ग भी जिले में होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र से दिल्ली-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने के कारण औद्योगिक विकास एवं कामां-मथुरा सडक को फोर लाईन में निर्माण के प्रयास किये जा रहे हैं जिससे क्षेत्र में पर्यटन विकास को भी बढावा मिलेगा। उन्होंने राज्य सरकार की 7 अगस्त को जारी अधिसूचना का पठन करते हुए कहा कि डीग जिले के परिक्षेत्र में कुम्हेर, डीग, कामां, पहाडी, सीकरी एवं नगर सहित 6 उपखण्ड, कुम्हेर, डीग, कामां, पहाडी, नगर, जनूथर, सीकरी, रारह एवं जुरहरा सहित 9 तहसीलें शामिल की गई हैं।
इससे पूर्व छात्राओं ने माँ शारदा की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए देशभक्ति, क्षेत्रीय सांस्कृतिक एवं ब्रज का प्रमुख मयूर नृत्य की लोक-लुभावन प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर स्थानीय लक्ष्मण मंदिर के मंहत मुरारी लाल पाराशर सहित अन्य धार्मिक गुरूओं ने आध्यात्मिक प्रवचन के साथ डीग जिला बनने पर पर्यटन मंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अतिथियों को गुलदस्ता एवं स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक रूपिन्दर सिंघ, जिला कलक्टर भरतपुर लोकबंधु, पुलिस अधीक्षक भरतपुर मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक डीग ब्रजेश ज्योति उपाध्याय, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन भरतपुर रतन कुमार, उपखण्ड अधिकारी डीग डॉ रवि गोयल, कामां दिनेश शर्मा, कुम्हेर देवेन्द्र सिंह परमार, सीकरी सुरेन्द्र प्रसाद, नगर विष्णु बंसल, बीस सूत्रीय कार्यक्रम समन्वयक समिति के जिला उपाध्यक्ष दिनेश सिंह सूपा, नगरपालिका डीग के अध्यक्ष निरंजन टकसालिया, नगरपालिका अध्यक्ष कुम्हेर राजीव अग्रवाल, नगरपालिका अध्यक्ष नगर राम खण्डेलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष कामां गीता खण्डेलवाल, प्रधान डीग शिखा कौरेर, प्रधान पहाडी साजिद खान सहित जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि सहित बडी संख्या में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
संवाददाता- आशीष वर्मा