जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। गुढ़ा ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गहलोत सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि मणिपुर की बजाय उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। गुढ़ा गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री थे। राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद उन्हें भाजपा नेताओं का समर्थन मिलने लगा है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी राजेंद्र गुढ़ा के समर्थन में उतर आई हैं। राजे ने कहा कि कहने को तो हर गलती कीमत मांगती है। लेकिन, वास्तविकता में यहां हर सच को कीमत चुकानी पड़ती है।
वास्तविकता में यहां हर सच को कीमत चुकानी पड़ती है
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा कि सच – न सुनेंगे, न देखेंगे, न बोलेंगे… अपने आपको गांधीवादी बताने वाली कांग्रेस ने सच बोलने पर अपने ही मंत्री को बर्खास्त कर साबित कर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की भयावह स्थिति को सम्भालना अब उनके बस की बात नहीं है। कहने को तो हर गलती कीमत मांगती है। लेकिन, वास्तविकता में यहां हर सच को कीमत चुकानी पड़ती है।
सच – न सुनेंगे, न देखेंगे, न बोलेंगे . . .
अपने आपको गांधीवादी बताने वाली कांग्रेस ने सच बोलने पर अपने ही मंत्री को बर्खास्त कर साबित कर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की भयावह स्थिति को सम्भालना अब उनके बस की बात नहीं है।
कहने को तो हर गलती क़ीमत माँगती है। लेकिन,… pic.twitter.com/01MyK1PClz
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 22, 2023
प्रदेश में महिला अत्याचार चरम पर महिला होने के नाते आहत हूं : वसुंधरा राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिला अत्याचार चरम पर है। एक महिला होने के नाते मैं आहत हूं। ऐसी सरकार को कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। राजे ने कहा कि मैं समझती हूं, अगर उनमें थोड़ी भी शर्म होती तो वे इस्तीफा दे देते। वसुन्धरा राजे ने कहा कि आज प्रदेश में महिलाओं, बच्चियों, दलितों और व्यापारियों के साथ घटनाएं हो रही हैं।
इस वजह से हुई मंत्री की बर्खास्तगी
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार को विधानसभा में घेरने वाले सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अनुशंसा पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी। राज्यपाल मिश्र ने तत्काल प्रभाव से इसे स्वीकार कर लिया। गुढ़ा की बर्खास्तगी राजस्थान में महिला अत्याचार को लेकर विधानसभा में दिए बयान पर की गई है। विधानसभा में मणिपुर घटना को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा को घेरा जा रहा था। मोदी सरकार से जवाब मांगा जा रहा था तब गुढ़ा ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खडे़ कर दिए।
बात उठाने की बजाय अपने गिरेबां में झांके
राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए दुराचार पर कांग्रेस विधायकों ने पोस्टर लहरा दिए थे। इस बीच मंत्री गुढ़ा खड़े हुए और कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए और यह सच्चाई है कि राजस्थान में महिला सुरक्षा में हम विफल रहे। राजस्थान में जिस तरह से महिला अत्याचार बढ़े हैं, हमें मणिपुर की बात उठाने के बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। बयान को कांग्रेस में बेहद गंभीर माना गया।
गुढ़ा ने खोल दी सरकार की कलई
मंत्री गुढ़ा के बयान के बाद बीजेपी ने कहा कि सरकार में मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है और सरकार भी संविधान के अनुच्छेद 164(2) के तहत सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। इसमें लिखा है कि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब पूरी सरकार बोल रही है। ऐसे में मंत्री गुढ़ा ने सरकार की कलई खोल दी है।
गहलोत के पिछले कार्यकाल में भी बने थे मंत्री
इससे पहले 2008 के गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान भी गुढ़ा बसपा से विधायक थे और वे बाद में पांच अन्य बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में आए थे। उन्हें तब जन शक्ति विभाग का राज्य मंत्री का पद दिया गया था।
पहले भी दे चुके हैं ये विवादित बयान
राजस्थान की सियासी गलियों में अपने बयान से हलचल मचाने वाले राजेंद्र गुढ़ा प्रदेश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गए हैं। महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार को घेरने के बाद राजेंद्र गुढ़ा सुर्खियों में हैं। गुढ़ा अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में बने रहते हैं। इससे पहले भी वे कई बार विवादित बयान दे चुके है।
राजेंद्र गुढ़ा के विवादित बयान
1. पायलट साहब आप चिंता मत करना, मैं आपको बताना चाहता हूं कि राजस्थान के सभी धर्म-जाति और बिरादरी का नौजवान आपके पीछे खड़ा है। मैं चुनौती देना चाहता हूं कि अगर मां का दूध पिया है तो पायलट साहब पर अनुशासन की कार्रवाई कर के बताओ।
2. बसपा से चुनाव जीतता हूं मंत्री बनता हूं कांग्रेस में और फिर दरी बिछाने का टाइम आता है तो कांग्रेस वालों को कहता हूं संभालो तुम्हारी कांग्रेस, फिर बहिन जी से टिकट लाता हूं बसपा से विधायक बनता हूं और फिर मंत्री बन जाता हूं, बताओ इस खेल में कोई कमी है क्या।
3. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दावा किया था कि 80 प्रतिशत विधायक सचिन पायलट के साथ हैं और उनसे बेहतर राजनेता कोई नहीं है।
4. विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए हमला बोला है। उन्होंने यहां तक कह डाला है कि मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
5. सचिन पायलट की अजमेर से जयपुर यात्रा के दौरान मई में राजेंद्र गुढ़ा ने सरकार पर खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। गुढ़ा ने कहा था कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है, भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।