जयपुर में पड़ोसियों से परेशान होकर एक कॉलेज छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अस्पताल में सात दिन इलाज के बाद छात्रा की मौत हुई। पुलिस ने शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक के भाई ने पड़ोसी वकील और उसकी पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक के भाई ने बताया कि बहन कहती थी- पड़ोसी की प्रताड़ना से परेशान हूं। मैं थक गई हूं, मैं इतना परेशान हो गई हूं कि अब और नहीं जी सकती।’

पुलिस ने बताया- लुनियावास खोह नागोरियान निवासी सलोनी रावत (19) पुत्री भरत लाल ने आत्महत्या कर ली है। वह महाराजा विनायक कॉलेज, मीना पालड़ी, आगरा रोड में प्रथम वर्ष की छात्रा थी। 16 जून की सुबह बहन-भाई और पिता अपनी नौकरी पर चले गए। वह अपनी मां के साथ घर पर थी। सुबह करीब 10:30 बजे उसकी मां घर के पास स्थित मंदिर में गयी। घर में अकेली सलोनी थी उसने ने चुन्नी का फंदे का इस्तेमाल कर के आत्महत्या कर ली। थोड़ी देर में घर लौटी मां ने सलोनी को फंदे से लटकता देखा।

बेटी सलोनी को फंदे से लटकता देख मां जोर-जोर से रोने लगी। आवाज सुनकर पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे। पड़ोसियों की मदद से फंदा काटकर सलोनी को नीचे उतारा गया। उसकी सांसें चलती देख उसे तुरंत एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। सलोनी को जगतपुरा स्थित जेएनयू अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार को सलोनी की मौत हो गई। मेडिकल सूचना पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।

मृतक सलोनी के भाई अभिषेक ने पड़ोसी वकील रघु प्रजापत उर्फ सियाराम और उसकी पत्नी विमलेश देवी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। शिकायत में बताया गया है कि पड़ोसी वकील ने बहन के खिलाफ झूठा केस लगाया। सियाराम ने वकील होने के पद का नाजायज फायदा उठाया। इसके चलते सलोनी और पूरे परिवार को थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पड़ोसी की प्रताड़ना से परेशान होकर वह डिप्रेशन में चली गई। इसके चलते सलोनी ने आत्महत्या का कदम उठाया।

मृतक सलोनी के भाई अभिषेक ने बताया कि घर के बाहर पानी भरने के कारण उन्होंने मलबा सड़क पर डलवा दिया था। इसी बात को लेकर कॉलोनी में रहने वाले वकील रघु प्रजापत की पत्नी विमलेश से झगड़ा हो गया। बहन सलोनी से हाथापाई हो गई। 28 मार्च को वकील रघु प्रजापत ने उनके साथ उनकी मां और दो बहनों के खिलाफ खोह नागोरियान थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। परेशान करने के लिए उसके पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज करवा दिया। नगर निगम से गाय रखने के लिए डेयरी चलाने की शिकायत कर दी। झूठे मुकदमों के चलते सलोनी समेत परिवार को थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।