राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगर मंत्री महेश जोशी जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपये के टेंडर निरस्त कर खुद को निर्दोष बताते हैं तो आज के कांग्रेसी नेता वसुंधरा राजे पर खान घोटाले का आरोप किस आधार पर लगा रहे हैं। वसुंधरा राजे ने खदानों का आवंटन भी रद्द कर दिया था।
उन्होंने पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि कांग्रेस के मौजूदा नेता किस आधार पर वसुंधरा राजे पर 45 हजार करोड़ के खदान घोटाले का आरोप लगाते हैं। जब वसुंधरा राजे को पता चला कि नीचे के अधिकारियों ने गड़बड़ी की है तो उन्होंने खदान आवंटन रद्द कर दिया। लेकिन उनके खिलाफ प्रकरण तो बना। जिसके कारण आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को जेल जाना पड़ा था। ऐसे में महेश जोशी सिर्फ टेंडर रद्द कर बच नहीं सकते। उनके खिलाफ केस बनता है। अगर मामले की शिकायत नहीं की गई होती तो ये टेंडर हो गए होते।
दरअसल किरोड़ीलाल मीणा ने जल जीवन मिशन के मंत्री महेश जोशी, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल समेत अन्य अधिकारियों पर 30 से 40 फीसदी अधिक दर पर टेंडर जारी कर 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। जिसका जवाब देते हुए मंत्री महेश जोशी ने कहा था कि किरोड़ी जिन टेंडरों पर आरोप लगा रहे हैं, हमने जनवरी में ही उन टेंडरों को रद्द कर दिया था। ऐसे में उनके आरोप निराधार हैं।
किरोड़ी के आरोपों के बाद मंत्री महेश जोशी ने पलटवार करते हुए किरोड़ी लाल मीणा पर राजनीतिक ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया। जिसका जवाब देते हुए सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगर मेरे द्वारा लगाए गए आरोप झूठे निकले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर मैं झूठा पाया जाता हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई करें। किरोड़ी ने कहा कि महेश जोशी मेरे खिलाफ मानहानि का दावा करने की बात कर रहे हैं। अगर वह ऐसा करते हैं तो मुझे बहुत खुशी होगी। किरोड़ी ने बताया कि मंत्री ने इन टेंडरों को लेकर वित्त समिति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। ऐसे में जितना यह मामला अधिकारियों के खिलाफ बनता है उतना ही मामला मंत्री महेश जोशी पर भी बनता है।