लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव के विधानसभा क्षेत्र के गांवों में सड़कों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। बुधवार को ग्रामीणों ने बयाना अनुमंडल की मिसिंग लिंक योजना के तहत गांव खेड़ली गड़ासिया से बरखेड़ा तक नई सड़क के निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने घटिया सामग्री के उपयोग और नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए नवनिर्मित सड़क को हाथ से खोदते हुए दिखाया।
ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित ठेकेदार ने सड़क निर्माण कार्य में नियमों की अनदेखी की है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस सड़क को नियमानुसार सही तरीके से बनाया जाए। ग्रामीणों ने फिर से गुणवत्ता के साथ सड़क निर्माण नहीं होने पर धरना व आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क इतने घटिया तरीके से बनाई गई है कि हाथ से जरा सी खुरचने से ही उखड़ने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि 2 किलोमीटर लंबी इस सड़क को 88 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री के जिले में सड़कों के निर्माण में अनियमितता की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। लोगों का कहना है कि जब मंत्री के जिले में ही सड़कों की हालत ऐसी है तो प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। लोगों ने सड़क निर्माण कार्यों में ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जतायी है।
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के एईएन चैल बिहारी शर्मा ने बताया कि मिसिंग लिंक सड़कों का निर्माण नियमों व टेंडर शर्तों के अनुसार 20 एमएम थिकनेस से किया जा रहा है। यदि सड़क की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों को कोई आपत्ति है तो वे स्वयं मौके पर जाकर गुरुवार को निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि कई बार मिसिंग लिंक सड़कों की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों को गलतफहमी हो जाती है। वह उनकी तुलना राज्य के राजमार्ग सड़कों से करता है।