शहर की स्वच्छता परीक्षा आज से शुरू हो गई हैं। दो हजार अंकों की यह परीक्षा तीन दिनों तक चलेगी। इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय की टीम जयपुर पहुंची हैं और स्वच्छता का आंकलन शुरू कर दिया हैं।
स्वच्छता में अव्वल बनने के लिए देश के 500 शहरों के बीच होड़ लगी हैं। जयपुर नगर निगम भी लोगों को स्वच्छता मोबाइल एपसे जोड़ने की कवायद जूटा हैं। हालांकि परीक्षा में मुल्यांकन का 40 फीसदी हिस्सा घर -घर कचरा संग्रहण का हैं, फिलहाल जयपुर शहर की 29वीं रैंक थी।
कैसे होगा 2000 अंकों का पेपर
शहर की स्वच्छता की दिशा में निकाय ने क्या प्लानिंग की हैं इसके लिए शहर के लिए 900 अंक निर्धारित किये गये हैं। 500 अंकों में शहर के लिए सफाई की बनाई गई प्लानिंग को धरातल पर लाने के लिए क्या क्या काम हुए हैं। शहर में स्वच्छता की जमीनी हकीकत क्या हैं, इसके लिए निर्धारित किए हुए हैं। इसके अलावा शहरी विकास मंत्रालय की टीम शहर के लोगों से सफाई के मुद्दे पर बात करेंगी। मोबाइल पर स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाओं का फीडबैक लेगी। इसके लिए टीम ने 600 अंक निर्धारित किए गये हैं।
ऐसे रहेगा मूल्यांकन क्षेत्र
5 प्रतिशत ओडीएफ और एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कार्यनीति बनाने का निर्धारित हैं।
5 फीसदी सूचना शिक्षा एवं आचरा परिवर्तन संधान संबंधी कार्यकलाप के लिए।
40 फीसदी घर घर कचरा संग्रहण, सफाई व परिवहन के निर्धारित किए हैं।
20 प्रतिशत संसाधित करना व निपटान, 15 फीसदी सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय प्रावधान के लिए निर्धारित हैं ।
15 फीसदी अंक पारिवारिक शौचालयों के लिए फिक्स किए गये हैं।
पिछले साल 2000 में से मिले थे 1236 अंक
302/ 500 अंक: स्वतंत्र प्रर्यवेक्षण ने दिए, टीम ने जयपुर आकर औचक निरीक्षण किया
219/500 अंक मिले थे राजधानी को जनता से सीधे स्वच्छता का फीडबैक लेने के आधार पर
715/1000 अंक मिले जयपुर को सुविधा के स्तर पर दिये गए थे।