राजस्थान सरकार ने प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल बनाया हैं। आज राजस्थान देश विदेश के शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान रखता हैं। राजस्थान को एजुकेशन हब कहा जाता हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों को शिक्षा जगत में विशिष्ट कार्य करने पर विशेष पहचान मिली हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 2017 अप्रेल में रिसर्जेंट राजस्थान व ग्राम की तर्ज पर ही जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन का आयोजन करने जा रही हैं। इस आयोजन से राजस्थान के शिक्षक वर्ग, छात्र वर्ग व शिक्षा जगत में राजस्थान को विश्वस्तर पर नई पहचान मिलेगी।
भारत की बौद्धिक राजधानी बनकर उभरेगा राज्य
आने वाले समय में प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बौद्धिक राजधानी बनकर उभरेगा। राज्य में शिक्षा के अवसरों एवं संभावनाओं को तलाश कर देश-दुनिया से रू-ब-रू करवाने के लिए अप्रैल 2017 में दो दिवसीय जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन का आयोजन किया जा रहा है, जो देश में अपने ढंग का पहला प्रयास होगा। यह ग्लोबल आयोजन प्रतिष्ठित जेम्स एजुकेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर किया जाएगा।
फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन से मिलेगी नई पहचान
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को नई दिल्ली के होटल हयात रेजिडेंसी में जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन के कर्टेनरेजर कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि प्रदेश में 60 % जनसंख्या युवाओं की है, जिनमें ग्लोबल स्तर पर छा जाने की क्षमता है। जयपुर के बाद एजुकेशन फेस्टिवल राज्य के सभी सात संभागों पर भी आयोजित किया जाएगा। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में पिछले तीन वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
राजकीय विद्यालयों में नामांकन में जहां 12 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है, वहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, ट्रक ड्राइवरों के बच्चों का चिकित्सा क्षेत्र में ऑल इंडिया स्तर पर चयन अपने आप में उदाहरण है।
आदर्श विद्यालयों व शारदे छात्रावासों से बालक-बालिकाओं को मिला नया जीवन
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आदर्श विद्यालय व बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए शारदे आवासीय छात्रावासों का कॉंसेप्ट तैयार किया हैं। कौशल विकास एवं आजिविका के जरिए राज्य सरकार ने बेहतर प्रशिक्षण देकर नौकरियों के अवसर पैदा किये हैं।