कोटा। कोटा—बूंदी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि.कोटा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ ने गत अप्रैल माह में कोटा डेयरी का संचालन संभाला था। अपने अल्प एक माह के कार्यकाल में राठौड़ ने डेयरी की गतिविधियों ना केवल समझा,संभाला अपितु शुद्धता व प्रगति के रथ पर अग्रसर कर दिया है। डेयरी की उत्पादकता में वृद्धि हुई तो साथ ही सप्लाई की गति भी सुधरी,दुग्ध उत्पादको के साथ समांजस्य भी सुधरा और समय पर पूर्व से अधिक दाम मिलने से डेयरी के प्रति उनका विश्वास भी कायम हुआ। प्रबंध संचालन व स्टाफ को साथ में रखकर कार्य करने से डेयरी आज मुनाफे में है। उन्होने कहा कि औचक निरिक्षण कर हमने दुग्ध शुद्धता व गुणवत्ता बनाए रखने का प्रयास किया और समितियों से संवाद स्थापित कर उनके मनोबल में वृद्धि की है।

डेयरी की उत्पादकता बढ़ी

राठौड़ ने बताया कि 19 अप्रैल से कार्यभार संभालने के बाद डेयरी की प्रगति की ओर ध्यान दिया गया। उन्होने बताया कि कोटा डेयरी,कोटा—बूंदी जिला समितियों के माध्यम से प्राप्त दूध की आवक 57 हजार लीटर दूध था। राठौड ने डेयरी की उत्पादकता में वृद्धि करते हुए 1 माह की अल्पावधि में 1 लाख लीटर दूध की आवक कर दी है। राठौड ने कहा कि प्रबंधक प्रमोद चारण,स्टाफ के सहयोग इसी प्रकार सप्लाई में 52 हजार लीटर दूध के स्थान पर वर्तमान में 74 हजार लीटर दूध सप्लाई किया जा रहा है। उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में प्राय: दूध की कमी रहती है इसके बावजूद डेयरी की उत्पादकता में वृद्धि दर्ज की गई है।

दुग्ध उत्पादकों के बने साथी

राठौड़ ने बताया कि कोटा दुग्ध संघ के कार्य के जिलों में आने वाले गांवों के दुग्ध उत्पादकों की मांग पर उक्त गांव के सर्व के उपरान्त बीएमसी समिति से जुडने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। हमने ग्रामीणों के साथ निकटता जोड़ी है उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हे डेयरी से मिलने वाली सुविधाओं को शत—प्रतिशत लागू करवाया है। राठौड़ ने कहा कि दुग्ध उत्पादक को उसके दूध का समय पर भुगतान हो इसकी विशेष व्यवस्था की गई है। समय पर भुगतान व बडी हुई सुविधाओ के चलते ही डेयरी में दूध की आवक बडी है। प्रथम बोर्ड बैठक के बाद दरों में बढोतरी करते हुए 800 रूपये प्रति फेट एवं राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत 5 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त दिया जा रहा है।

आधुनिक सरस पार्लर की सौगात

राठौड़ ने बताया कि कोटा की जनता को जल्द ही नए सरस पार्लर की सौगात दी जाएगी। अत्याधुनिक वातानुकूलित पार्लर पर जनता को गर्म दूध, दही, मक्खन, छाछ, घी, पनीर और दूध से बनी अन्य खाध्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं। जयपुर पार्लर की तर्ज पर लोगों को दूध-जलेबी,देशी देघी की समोसे और पनीर पकोड़ों का स्वाद चखने काे मिलेगा। इन उत्पादों में पोषक तत्वों की अधिकता होती है और ये स्वादिष्ट भी होते हैं। सरस पार्लर आपको स्वास्थ्यवर्धक दूध उत्पादों की एक विस्तृत विकल्प उपलब्ध होेंगे। कोटा शहर में कोचिंग सेंटर,रेलवे,बस स्टेण्ड,भामाशाह मण्डी के समीप शहर के विभिन्न स्थानों पर देखने को मिलेंगे।

कोटा को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण दूध

डेयरी अध्यक्ष चैन सिंह ने कहा कि कोटा की जनता को मात्र शुद्ध व पूर्ण गुणवत्ता का दूध मिलेगा इसके लिए डेयरी कटिबद्ध है। उन्होने कहा कि कार्यभार संभालते ही सबसे पहले दूध की गुणवत्ता को बनाए रखने पर जोर दिया गया। उत्पादक समितियों के से प्राप्त दूध को डेयरी प्लांट कोटा में अत्याधुनिक मशीनों द्वारा पूर्ण स्वच्छ एवं हाईजनिक वातावरण में प्रोसेस किया जाता है। शहर की जनता को शुद्ध दूध उचित दाम पर मिले इसके लिए डेयरी सजग है और निरंतर प्रयासरत है।

शुद्ध के लिए युद्ध

राठौड़ ने बताया कि दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चला रखा है। जिसमें विभिन्न समितियों से आने वाले दूध की निगरानी की जाती है। दूध की जांच अत्याधुनिक मशीनों से कि जाती है यदि उचित मानदंडों के आधार पर दूध नहीं निकलता है तो वह दूध डेयरी के माध्यम से सप्लाई के लिए नहीं भेजा जाता है और समिति को नोटिस भी दिया जाता है साथ ही समस्त दूध को ड्रेन कर नष्ट किया जाता है। उन्होने बताया कि 19 मई को कापरेन मार्ग से आने वाले टैंकर से 3500 लीटर दूध मिलावटी पाया गया जिसे पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया गया है। उन्होने कहा कि कोटा शहर में शुद्ध व गुणवत्ता पूर्ण दूध की सप्लाई होगा। दूध की गुणवत्ता व शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

कोटा की जनता को मिलेगा फ्लेवर्ड दूध

कोटा की जनता को जल्द ही फ्लेवर्ड दूध की सौगात मिलने वाली है। डेयरी ने अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार करते हुए नेशनल प्रोग्राम फॉर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृति प्राप्त की गई है। कोटा डेयरी पर फ्लेवर्ड दूध तैयार किया जाएगा। इसके लिए 1.93 करोड़ की लागत से मशीनरी स्थापित की जा चुकी है। इस प्लांट में वर्तमान में 2 हजार बोटल प्रति बैच की ट्रायल रन भी पूर्ण कर लिया गया है।

कोटा की हर गली तक है सरस की पहुंच

सरस दूध कोटा की हर गली—महौल्ले तक पहुच है। सरस की दूध गुणवत्ता को बढ़ाते हुए हर घर तक पहुंचाने का प्रयास करेगे। जनता की आवश्यकता के अनुसार इसे चार प्रकार में विभाजित किया गया है। गोल्ड दूध, स्टैण्डर्ड दूध, होमोजनाईज्ड सरस चाय स्पेशल दूध, टोण्ड दूध एवं डबल टोण्ड दूध 6 लीटर, 1 लीटर, आधा लीटर एवं 200 मि.ली. पैकिंग में हर आय वर्ग की आवश्यकता एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है ।कोटा दुग्ध संघ द्वारा कोटा शहर की लगभग हर गली मोहल्ले तथा शेष रहे स्थानों पर भी दुग्ध बिक्री केन्द्र खोलने का प्रयास जारी है। इसी प्रकार कोटा दुग्ध बिक्री केन्द्र खोले गये है जिले के दीगोद, सुल्तानपुर, सांगोद, कैथून, इटावा, रामगंजमण्डी, खैराबाद, डाबादेह, मोडक, सीमलिया एवं पलायता तथा बून्दी जिले के बून्दी, केशवरायपाटन, कापरेन, नैनवा, देई, लाखेरी, तालेडा इत्यादि कस्बों में दूध बिक्री केन्द्र खोले हुये है तथा इन्सुलेटेड वाहन के द्वारा इन बूथों / शॉप एजेंसियों के माध्यम से बिक्री की जा रही है।

दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पाद की भी है मांग

राठौड़ ने बताया कि कोटा की जनता ने सरस पर जो विश्वास कायम किया है हम उसे दोगुना करेंगे। कोटा की जनता दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पादों के प्रति भी आकर्षित रहती है । वर्तमान में दूध संघ द्वारा दूध बिक्री के साथ साथ घी, छाछ, लस्सी, पनीर, श्रीखण्ड, मावा, दही आदि दूध उत्पाद संघ के डेयरी प्लांट पर तैयार कर एवं फ्लेवर्ड मिल्क, आईस क्रीम, रसगुल्ला,गुलाब जामुन इत्यादि दुग्ध उत्पाद अन्य संघों से क्रय कर उनकी बिक्री कोटा एवं आस पास के अन्य शहरों / कस्बों में की जाती है।