महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रसंघ पदाधिकारियों और महानगर के कार्यकर्ताओं ने पूर्व में कई बार ज्ञापन दिया है लेकिन इसके बावजूद क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत नहीं की जा रही है। भवन करोड़ों की लागत से बनाए गए हैं। उनमें से कई भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण कई वर्षों से बंद पड़े हैं तो कई भवनों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, वही विक्रमादित्य भवन मे भी हादसा हों सकता है जबकि उसमे परीक्षा और कक्षाएँ चल रही है।
विश्वकर्मा भवन और नचिकेता छात्रावास सहित कई भवनों की झज्जर स्थिति, मरम्मत के बिना कई वर्षो से बंद पड़े है। बॉयज हॉस्टल बंद होने के कारण दूरदराज से आने वाले छात्रों को आसपास में कमरा किराए पर लेकर रहना पड़ रहा है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। विश्वविद्यालय के बॉयज हॉस्टल में 100 विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है परंतु हॉस्टल बंद होने की वजह से छात्रों को मजबूरन बाहर रहना पड़ रहा है क्योंकि इसकी मरम्मत नहीं की गई यदि शीघ्र मरम्मत नहीं की जाती है तो इस वर्ष भी हॉस्टल बंद ही रहेगा क्योंकि नवीन सत्र जुलाई में प्रारंभ हो जाएगा।
मई के अंत तक मरम्मत कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लापरवाही रवैया अपनाया जा रहा है यदि जल्द संज्ञान में लेकर मरम्मत प्रारंभ नहीं की जाती है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र प्रदर्शन करेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
एबीवीपी प्रांत कार्यकारिणी सदस्य दिनेश चौधरी, महानगर सहमंत्री राजेंद्र बंटी गुर्जर और इकाई अध्यक्ष उमेद बाजिया ने भवनो की शीघ्र मरम्मत नही करने पर आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि पूर्व में लगातार मांग उठाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है तो अब विद्यार्थी परिषद उग्र प्रदर्शन करेगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।