सीकर में कलेक्ट्रेट के बाहर 60 दिन से चल रहा सरकारी टीचर्स का धरना आज समाप्त हो गया। अब टीचर्स से नॉन टीचिंग कार्य नहीं करवाया जाएगा। आज टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल एडीएम राकेश कुमार से मिला। जिसके बाद उन्होंने लिखित आश्वासन दिया है कि सीकर जिले में सरकारी टीचर्स से नॉन टीचिंग काम नहीं करवाया जाएगा। साथ ही सीकर के समस्त एसडीएम को भी इस संबंध में लेटर जारी कर दिया है।

बता दें कि सीकर में 60 दिन से राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले धरना दिया जा रहा था। जिसके विरोध में 15 मई को टीचर्स ने कलेक्ट्रेट परिसर में अधिकारियों के ऑफिस के बाहर झाड़ू लगाई थी वहीं आज चाय पिलाने का भी प्रोग्राम तय किया था। लेकिन इससे पहले ही अधिकारियों ने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आमंत्रित कर लिया और आज उनकी मांगें मान ली गई। एडीएम राकेश कुमार ने लिखित समझौते के तहत आश्वासन दिया कि अब उन्हें नॉन टीचिंग वर्क के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के उपेंद्र शर्मा ने बताया कि सीकर जिले के पिछले 3 दशक के इतिहास में यह शिक्षकों का सबसे बड़ा आंदोलन था। जो 60 दिन तक चला। आंदोलन में जीत टीचर्स की हुई। शिक्षक संघ शेखावत ने यह आंदोलन सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए शुरू किया था। क्योंकि यदि टीचर्स से लगातार नॉन टीचिंग काम करवाए जाते हैं तो स्टूडेंट्स भी पलायन करना शुरू कर देते हैं। एडीएम राकेश कुमार ने आज लिखित समझौते में RTE की धारा 27 का हवाला देते हुए लिखित समझौता किया है। जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि अब यह समझौता होने के बाद टीचर्स से प्राकृतिक आपदा,चुनाव और जनगणना के अलावा अन्य कोई भी नॉन टीचिंग काम नहीं करवाया जा सकता है।