कोटा, 2 मई।लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर आयोजित समझ संसद की प्रतियोगिता के दूसरे विजेता दल ने मंगलवार को संसद का भ्रमण किया। इसके साथ ही बच्चों ने लाल किले में आजादी के दीवाने संग्राहलय देखा तथा वहां देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले अमर सेनानियों की गौरव गाथा को भी जाना।

कोटा जिले के इटावा, सांगोद, खैराबाद तथा सुल्तानपुर ब्लॉक के करीब 102 बच्चों ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में संसद के ग्रंथालय, लोकसभा, राज्य सभा और सेंट्रल हॉल को देखा। भ्रमण के दौरान सेंट्रल हॉल ने बच्चों को सबसे अधिक आकषित किया। यहां लगी देश के महान नेताओं के चित्रों के बारे में भी बच्चों ने जाना।

इसके अलावा उन्होंने संसद के गलियारे में लगे भारतीय संस्कृति पर आधारित चित्रों को भी देखा। साथ ही उन्हें देश के सभी प्रधानमंत्रियों और लोक सभा अध्यक्षों के बारे में भी जानने का मौका मिला। बच्चों ने संसद भवन परिसर में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष भी नमन किया।

अमृतकाल में अपने लक्ष्य तय करें


संसद के भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों की लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी भेंट हुई। बिरला ने बच्चों को यह महत्वपूर्ण मौका मिलने की बधाई दी। साथ ही कहा कि देश के अमृतकाल में सभी बच्चे अपने लिए भविष्य के लिए लक्ष्य तय करें। हमें भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, जिसमें उनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस दौरान बच्चों ने भी प्रतियोगिता के माध्यम से उन्हें संसद और दिल्ली देखने का मौका देने के लिए स्पीकर बिरला का आभार जताया। बच्चों ने बिरला को अपने क्षेत्र की परेशानियों की भी जानकारी दी।

वह रस्सियां भी देखीं जिनसे सेनानियों को बांधा जाता था


दिल्ली यात्रा के दौरान बच्चों को लाल किला जाने का भी मौका मिला। यहां बच्चों ने आजादी के दीवाने संग्राहलय देखा जहां 1857 से 1947 तक आजादी के आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को संजोया गया है। यहां उन रस्सियों को देख बच्चे भावुक हो गए जिनसे स्वतंत्रता सेनियों को बांधा जाता था। इसके अलावा वहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा उपयोग में लिए गए बंदूकों और अन्य अस्त्रों को भी देखा।

अब 9 मई को जाएगा रानी झांसी दल


समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेताओं की तीसरा दल 9 मई को दिल्ली के लिए रवाना होगा। इस रानी झांसी दल में इटावा, सुल्तानपुर, खैराबाद तथा सांगोद क्षेत्र की बालिकाएं होंगी। यह दल 10 मई को संसद तथा दिल्ली में राष्ट्रीय महत्व के अन्य स्मारक देखेगा।