भरतपुर। राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन तेज होती जा रही है। भरतपुर जिले में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे सैनी समाज के धरना स्‍थल के करीब एक संदिग्ध अवस्था में आंदोलनकारी की मौत हुई है। हालांकि वहां मौजूद लोग इसे आत्महत्या बता रहे हैं। युवक का शव पेड़ पर लटका मिला है। सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा है। वहीं युवक द्वारा सुसाइड करने के बाद भरतपुर शहर में नारेबाजी की जा रही है। सैनी समाज के युवाओं ने आरक्षण की मांग को लेकर नारेबाजी की है।

सुसाइड नोट में लिखा- महात्मा ज्योतिबा फुले अमर रहे
सैनी-माली समाज के आरक्षण आंदोलन के पांचवें दिन मंगलवार को नया मोड़ आ गया। यहां धरनास्थल के पास एक आंदोलनकारी युवक ने सुसाइड कर लिया। मंगलवार सुबह चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे वह एक पेड़ से लटका मिला। उसकी जेब से मिले पर्चे पर लिखा था- ज्योतिराव फुले अमर रहें, 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे। पुलिस ने शव को उतारकर एंबुलेंस से RBM हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी पहुंचा दिया है।

मृतक की हुई पहचान
मृतक की पहचान नजदीकी गांव ललिता मुड़िया निवासी 48 साल के मोहन सिंह के रूप में हुई है। मोहन सिंह खुद भी सैनी समाज से था और आरक्षण की मांग के लिए हो रहे आंदोलन में शामिल था। मोहन सिंह के एक बेटा और एक बेटी है, दोनों की शादी हो चुकी है। मोहन सिंह की पत्नी बीमार थी, जिसका इलाज आरबीएम अस्पताल में चल रहा था। 23 अप्रैल को ही मोहन सिंह अपनी पत्नी को डिस्चार्ज करवाकर घर ले गया। मोहन सिंह खेती-किसानी करते थे।

सामने आई समाज की फूट
आरक्षण की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से चल रहे माली समाज के आंदोलन में सोमवार को फूट नजर आई। सोमवार को जेल से रिहा हुए फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक व आंदोलन के अगुवा मुरारी लाल सैनी जयपुर-आगरा हाईवे पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से हाईवे खाली करने को बोला। हालांकि आंदोलनकारियों ने हाईवे से हटने को मना कर दिया। माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और काछी समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर NH-21 को भरतपुर के अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर रखा है।

कल मुरारी लाल सहित 16 लोगों किया रिहा
सोमवार दोपहर 1 बजे आंदोलन संयोजक के नेता मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाह समेत 16 लोगों को भरतपुर की सेवर और करौली की जेल से रिहा कर दिया गया था। मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाहा भरतपुर से आंदोलन स्थल अरोदा गांव पहुंचे तो आंदोलनकारियों ने दोनों नेताओं को कंधों पर उठा लिया। इस दौरान हाईवे खाली करने को लेकर नेताओं के बीच काफी लंबी बात हुई।

बातचीत के लिए 21 सदस्यीय कमेटी बनाई
सरकार से वार्ता के लिए सोमवार शाम 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। सरकार की शर्त है कि पहले हाईवे खाली किया जाए, उसके बाद वार्ता संभव होगी। वहीं, आंदोलनकारियों ने साफ कह दिया है कि पहले उनकी मांगें मानी जाएं, उसके बाद ही हाईवे से हटेंगे।