भरतपुर, ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों की, ब्राह्मण समाज के पुरोधा एवं पूर्व सांसद पंडित रामकिशन के मुख्य आतिथ्य में उनके निज निवास पर,किसी भी चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने या ना लगाने वाले विषय को लेकर बैठक आयोजित की गई, बैठक की अध्यक्षता श्री ब्राह्मण सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष कौशलेश शर्मा ने की।
बैठक में पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि विभिन्न समाजों के सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा भगवान परशुराम को दिए जाने वाले सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया, साथ ही कहा कि चौराहे पर भगवान परशुराम जी की मूर्ति लगाना उचित नहीं है। ज्योतिषविद आचार्य पंडित धरणीधर शास्त्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के बहुत ही प्रतिष्ठित छठवें अवतार हैं उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाना किसी प्रकार से मर्यादा को स्वीकार नहीं करता है अमर्यादित कार्य करने से देश, प्राणी और समाज की हानि होती है। ऐसा कार्य नहीं किया जाना चाहिए। ब्रजभाषा अकादमी के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि शास्त्र सम्मत विधान के अनुसार किसी भगवान की मूर्ति, चौराहे पर न होकर, मंदिर के अंदर ही उसकी प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए, जहां विधि विधान से उसकी पूजा की जा सके।
बैठक में उपस्थित समाज के विभिन्न संगठनों के जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान परशुराम के नाम से कोई चौराहा, छात्रावास, धर्मशाला एवं अस्पताल आदि का निर्माण होना चाहिए। इसमें समाज को भी किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन चौराहे पर मूर्ति लगाना कतई उचित नहीं है।
बैठक मे वरिष्ठ समाजसेवी कौशलेश शर्मा, विप्र फाउंडेशन के पूर्व जिलाध्यक्ष नेमीचंद मुद्गल, समता आंदोलन के जिलाध्यक्ष केदारनाथ पाराशर, वरिष्ठ समाजसेवी सेवानिवृत्त सहायक अभियंता डी.एन.शर्मा, श्री ब्राह्मण सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य बनवारीलाल शर्मा, उप प्रधानाचार्य शिक्षा परिषद के सह संयोजक बाबूलाल कटारा, वरिष्ठ समाजसेवी मदनगोपाल शर्मा, इंदिरा रसोई के संचालक विष्णुदत्त शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन के जिला अध्यक्ष राजेंद्र भारद्वाज, समाजसेवी महेश शर्मा आदि अनेक विप्र बंधु उपस्थित थे। अंत में समता आंदोलन के जिलाध्यक्ष केदार पाराशर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
संवाददाता- आशीष वर्मा