राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, मनरेगा श्रमिकों और सभी ग्रामीणों को कैशलेस ट्रांजेक्शन का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सभी ग्रामीण योजनाओं का लाभ कैशलेस ट्रांजेक्शन के माध्यम से उठाया जा सके।
9 जनवरी से कैशलेस ट्रांजेक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे आयोजित
ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर यह निर्देश दिए हैं कि राज्य की समस्त ग्राम पंचायत समितियों में 6 जनवरी और ग्राम पंचायत स्तर पर 9 जनवरी से कैशलेस ट्रांजेक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
दिया जाएगा कैशलेस ट्रांजेक्शन का प्रशिक्षण
पंचायत समिति स्तर पर ग्राम रोजगार सहायक, बैंक प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधि, ग्राम सचिव और पटवारी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी तरह से 9 जनवरी को पंचायत समिति स्तर से प्राप्त प्रशिक्षणकर्ता ग्राम पंचायत स्तर पर 80 संभागियों को प्रशिक्षण देंगे जिनमें स्वयं सहायता समूह के सदस्य, श्रमिक, मेट, अन्य ग्राम स्तरीय लोग शामिल होंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर 80 प्रशिक्षित व्यक्तियों में से प्रत्येक के द्वारा 20 घरों के लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे सम्पूर्ण राज्य के सभी ग्रामवासियों को कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।
राजस्थान में कैशलेस इकोनोमी को दिया जा रहा है प्रोत्साहन
प्रदेश में 23 हजार माइक्रो एटीएम, 40 हजार ई मित्र केन्द्रों, पोस मशीनों आदि के माध्यम से कैशलेस इकोनोमी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 70 विभागों की 270 से अधिक सेवाएं डिजिटलाइज्ड हो गई हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री ने अजमेर जिले को कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रथम पांच जिलों में शामिल होने के लिए सम्मानित किया है।